कोटक एएमसी के एमडी ने कहा कि इंडियन हेल्थकेयर सेक्टर में लंबी अवधि के लिहाज से स्ट्रक्चरल अपॉर्च्युनिटी दिख रही है।
इंडियन स्टॉक मार्केट्स में 23 मई को जबर्दस्त तेजी दिखी। 22 मई को बड़ी गिरावट के साथ बंद होने वाले मार्केट्स में अगले दिन ही रौनक लौट आई। दोपहर से पहले सेंसेक्स 1 फीसदी से ज्यादा यानी 865 अंक चढ़कर 81,811 प्वाइंट्स पर पहुंच गया। निफ्टी भी 1.08 फीसदी के उछाल के साथ 25,000 की दहलीज पर था। मार्केट्स में इस बड़े उतारचढ़ाव ने निवेशकों को कनफ्यूज किया है। मनीकंट्रोल ने यह कनफ्यूजन दूर करने के लिए कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह से बातचीत की। मार्केट की आगे की चाल के साथ ही उनसे यह भी पूछा कि अभी किन शेयरों या सेक्टर में निवेश करने पर मोटी कमाई हो सकती है।
इंडिया में स्थितियां बेहतर दिख रही हैं
Nilesh Shah ने कहा कि आने वाली तिमाहियों में कंपनियों की अर्निंग्स में इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा। ग्रामीण इलाकों में स्थिति बेहतर होने के संकेत मिल रहे हैं। आरबीआई ने इंटरेस्ट रेट्स में कमी की है। लिक्विडिटी सिस्टम में बढ़ी है। ऑयल की कीमतें सीमित दायरे में रही हैं। इससे FY26 में अर्निंग्स ग्रोथ 11-13 फीसदी रह सकती है। जहां तक मार्केट की आगे की चाल की बात है तो इस बारे में ठीक-ठीक बताना मुश्किल है। आगे मार्केट की चाल फ्ले, वैल्यूएशंस और सेंटिमेंट पर निर्भर करेगी। अमेरिका और दूसरे देश आपस में ट्रेड डील्स कर रहे हैं। इसका मार्केट पर किस तरह से असर पड़ेगा, यह जानने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
लार्जकैप स्टॉक्स में रिस्क-रिवॉर्ड फेवरेबल
शाह ने कहा कि इंडिया में स्थितियां बेहतर दिख रही हैं। इनफ्लेशन कंट्रोल में है। डेटा इकोनॉमी की बेहतर सेहत का संकेत दे रहे हैं। इंटरेस्ट रेट्स कम हैं। हालांकि, अब भी मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशंस ज्यादा लग रही है। लार्जकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशन थोड़ी प्रीमियम पर है। हालांकि, रिस्क-रिवॉर्ड के नजरिए से देखने पर लार्जकैप स्टॉक्स बेहतर नजर आ रहे हैं। लो बेस पर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्निंग्स में इम्प्रूवमेंट दिख सकती है।
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हेल्थकेयर सेक्टर में वेल्थ क्रिएशन का मौका
कोटक एएमसी के एमडी ने कहा कि इंडियन हेल्थकेयर सेक्टर में लंबी अवधि के लिहाज से स्ट्रक्चरल अपॉर्च्युनिटी दिख रही है। बीते एक दशक में इंडिया में हेल्थकेयर सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है। जेनरिक ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, कॉन्ट्रैक्ट सर्विस प्रोवाइडर्स (CDMO), हॉस्पिटल्स और डायग्नॉस्टिक्स के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। इस ग्रोथ में लोगों की खर्च करने की बढ़ती क्षमता, लोगों की बढ़ती पहुंच और मेडिकल टेक्नोलॉजी में एडवान्समेंट का बड़ा हाथ है। इंडिया ग्लोबल फार्मा प्लेयर के रूप में उभर रहा है। हेल्थकेयर (हॉस्पिटल्स) कंपनियों में भी तेज ग्रोथ की संभावना दिख रही है। ये कंपनियां बेड के लिहाज से अपनी क्षमता बढ़ा रही हैं।
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