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India-Stock Markets: कहीं आप भी फर्जी ट्रेडिंग ऐप का तो इस्तेमाल नहीं कर रहें? जानिए तेजी से बढ़ते इस स्कैम के बारे में

यह स्कैम देशभर में चल रहा है। इसके शिकार ज्यादा पढ़ेलिखे और प्रोफेशनल लोग भी बन रहे हैं।

पिछले कुछ महीनों में फेक ट्रेडिंग वेबसाइट्स के अनजान निवेशकों को स्कैम का शिकार बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। निवेशक जल्द प्रॉफिट कमाने के लालच में इन वेबसाइट्स के जाल में फंसते हैं। जब उनकी पूरी सेविंग्स अकाउंट से निकल जाती है तब उन्हें इस फ्रॉड का अहसास होता है। रिटायर्ड लोगों, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज और यहां तक कि डिफेंस से जुड़े लोगों तक को ऐसे स्कैम का शिकार बनाया गया है। आखिर लोगों को इस स्कैम का शिकार कैसे बनाया जाता है?

ऐसे होती है स्कैम की शुरुआत

फ्रॉड करने वाले इंस्टाग्राम, व्हाट्सअप, टेलीग्राम आदि के जरिए लोगों को टारगेट करते हैं। बातचीत की शुरुआत दोस्ताना अंदाज में होती है। लोगों को ऐसे 'इनवेस्टमेंट ग्रुप' का हिस्सा बनने को कहा जाता है, जो देखने में असली लगते हैं। बताया जाता है कि ग्रुप का हिस्सा बनते ही मार्केट के बड़े एक्सपर्ट्स प्रॉफिट बनाने के बारे में बताएंगे। सबूत के तौर पर रोजाना ग्रुप के सदस्यों को होने वाली कमाई के डेटा पेश किए जाते हैं। इन बातों पर भरोसा करने के बाद लोग ऐसे ट्रेडिंग ऐप को डाउनलोग करते हैं, जो बिल्कुल ऑथेंटिक फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म की तरह दिखते हैं।

लोग फटाफट कमाई के लिए FD तक तोड़ देते हैं

इन फर्जी ऐप में ऐसे विजुअल्स होते हैं जो रियल टाइम स्टॉक मार्केट्स के मूवमेंट को दिखात हैं। लोग जैसे ही इनवेस्ट करना शुरू करते हैं, वे स्क्रीन पर अपने प्रॉफिट को बढ़ता देखते हैं। यह उन्हें ज्यादा निवेश करने को प्रोत्साहित करता है। कुछ लोग तो इसके लिए अपने बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट तक से पैसे निकाल लेते हैं। कुछ म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स गिरवी रख उधार लेते हैं तो कुछ अपने दोस्त और रिश्तेदारों से उधार तक ले लेते हैं। लेकिन, उन्हें बड़ा झटका तब लगता है जब वे प्रॉफिट के अपने पैसे को निकालने की कोशिश करते हैं।

पैसे निकाले की कोशिश करने पर लगता है झटका

जब इनवेस्टर अपना पैसा निकालने की कोशिश करता है तो उसे अलग-अलग तरह के एरर मैसेज दिखते हैं। जैसे-टैक्स कंप्लायंस नहीं होने से विड्रॉल रिक्वेस्ट फेल हो गया, टेक्निकल एरर है आपको फंड अनलॉक करने के लिए डिपॉजिट करना होगा, आपका KYC पेंडिंग है, आपको विड्रॉल के लिए 50,000 रुपये पे करने होंगे। जब तक इनवेस्टर को पता चलता है कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ट्रेडिंग ऐप दिखाई नहीं देता है। फोन नंबर पर कॉल करने पर अनरिचेबल का मैसेज सुनाई देता है और व्हाट्सअप ग्रुप डिलिट कर दिया जाता है।

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ज्यादा पढ़ेलिखे लोग भी बन रहे शिकार

यह स्कैम देशभर में चल रहा है। इसके शिकार ज्यादा पढ़ेलिखे और प्रोफेशनल लोग भी बन रहे हैं। एक रिटायर्ड एयर कोमोडोर को ऐसे स्कीम में 1.45 करोड़ रुपये की चपत लगी। पुणे के 66 साल के एक व्यक्ति को 2.5 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। केरल के एक एग्रीकल्चर अफसर को 43 लाख का चूना लगा। स्कैम का शिकार बने लोगों के ऐसे कई उदाहरण हैं। इनमें से सभी लोग काफी पढ़ेलिखे थे। लेकिन, जल्द मुनाफा कमाने के लालच ने उन्हें बड़े नुकसान में ला दिया।

अजय कुमार यादव

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