एक्सपायरी पर BSE के वॉल्यूम बढ़ रहे थे। इससे एनएसई को परेशानी हो रही थी। BSE के इंडेक्स की एक्सपायरी मंगलवार को होती है। अब सोमवार से पहले तो कोई एक्सपायरी हो नहीं सकती
Stock market : NSE के MD और CEO आशीष चौहान का एक्सचेंज एक्सपायरी पर एक बड़ा बयान आया है। इस बयान में उन्होंने कहा है कि सारे एक्सचेंज की एक्सपायरी का दिन एक ही होना चाहिए। एक न हुआ तो हर एक्सचेंज की एक्सपायरी अलग होगी। ये बयान उन्होंने मनीकंट्रोल के एक इवेंट के दौरान दिया है। उन्होंने कहा कि तमाम एक्सेंज अपने प्रोडक्ट ला सकते हैं। जिससे डेली एक्सायरी की मांग भी हो सकती है। ऐसे में शनिवार को भी ट्रेडिंग की मांग हो सकती है। इस तरह यह क्रम बढ़ते-बढ़ते रविवार और हफ्ते में नया दिन जोड़ने तक जा सकता है। इस स्थिति में सेबी की एक्सपायरी कम करने की कवायद सफल नहीं होगी। क्योंकि अलग-अलग एक्सचेंज की एक्पायरी अलग-अलग दिन होगी। अगर आप वास्तव में एक्पायरी कम करने की कोशिश कर रहें तो सभी एक्सचेंजों के लिए एक्सपायरी का एक ही दिन होना चाहिए।
इस खबर पर अपनी राय देते हुए सीएनबीसी-आवाज के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने कहा कि बीएसई और एनएसई दोनों के सीईओ से गुजारिश है कि वे एक बार मिल कर आपसी सहमति से यह तय कर लें कि एक्पायरी कब होनी चाहिए, यही सबके लिए बेहतर होगा। नहीं तो हमारे लिए शनिवार और रविवार का दिन भी नहीं बचेगा।
बता दें कि अभी हाल ही में NSE ने एक्सपायरी का दिन बदल दिया है। NSE पर अब गुरुवार के बजाए सोमवार को एक्सपायरी होगी। NSE पर अब वीकली और मंथली दोनों एक्सपायरी सोमवार को होगी। बैंक निफ्टी की मंथली एक्सपायरी भी सोमवार को ही होगी। FINNIFTY, मिडकैप और निफ्टी नेक्स्ट 50 की एक्सपायरी भी बदली गई है। फिन निफ्टी,मिडकैप निफ्टी,निफ्टी नेक्स्ट 50 की एक्सपायरी भी सोमवार को ही होगी। ये सभी बदलाव 4 अप्रैल से लागू होंगे।
एक्सपायरी पर BSE के वॉल्यूम बढ़ रहे थे। इससे एनएसई को परेशानी हो रही थी। BSE के इंडेक्स की एक्सपायरी मंगलवार को होती है। अब सोमवार से पहले तो कोई एक्सपायरी हो नहीं सकती। NSE के इस कदम से BSE के बढ़ते वॉल्यूम पर लगाम लगने की आशंका है। अब NSE के मास्टस्ट्रोक पर BSE के एक्शन का इंतजार है।
एक्सपायरी पर औसत वॉल्यूम के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिसंबर में NSE पर औसत वॉल्यूम 3.88 लाख करोड़ रुपए रहा था। वहीं, इस अवधि में BSE पर औसत वॉल्यूम 0.12 लाख करोड़ रुपए रहा था। जनवरी में NSE पर औसत वॉल्यूम 3.70 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, BSE पर औसत वॉल्यूम 2.75 लाख करोड़ रुपए रहा था। फरवरी में NSE पर औसत वॉल्यूम 3.72 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, BSE पर औसत वॉल्यूम 3.72 लाख करोड़ रुपए रहा है। ऐसे में BSE के बढ़ते वॉल्यू पर नकेल कसने के लिए NSE ने सोमवार को एक्सपायरी करने का फैसला लिया है।
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