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Nifty लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट के साथ हुआ बंद, पिछले 13 कारोबारी सत्रों में से 12 में लाल निशान में हुई क्लोजिंग

उम्मीद है कि बाजार में चल रहा कंसोलीडेशन का फेज जल्द ही खत्म हो जाएगा। बाजार की दिशा का अंदाजा लगाने के लिए बैंकिंग और आईटी पर फोकस बनाए रखना चाहिए

बाजार आज शुरुआती बढ़त को बनाए रखने के लिए संघर्ष करता रहा। निफ्टी 5 जून, 2024 के बाद आज पहली बार 22,800 से नीचे बंद हुआ और सेंसेक्स 425 अंक गिरकर 75,311 पर आ गया। निफ्टी बैंक 353 अंक गिरकर 48,981 पर आ गया, जबकि मिडकैप इंडेक्स 648 अंक गिरकर 50,486 पर आ गया। निफ्टी मेटल को छोड़कर, सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। निफ्टी ऑटो सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा। M&M की लगभग 7 फीसदी की गिरावट ने निफ्टी ऑटो को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई। यह निफ्टी ऑटो की सात महीनों में सबसे तेज गिरावट रही। निफ्टी ऑटो ने पिछले 13 सत्रों में अपनी 11वीं गिरावट भी दर्ज की। वहीं, निफ्टी FMCG ने अपनी गिरावट का सिलसिला 15वें सत्र तक जारी रखा।

कमजोर बाजार के बावजूद,बर्मन परिवार के नियंत्रण में आने के कारण रेलिगेयर में 18 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई। जबकि टाटा स्टील के एमडी की पॉजिटिव टिप्पणियों के कारण मेटल शेयरों में तेजी आई। ब्रोकरेज की अच्छी कमेंट्री के कारण जेएसडब्ल्यू इंफ्रा में लगभग 8 फीसदी की बढ़त हुई। मैक्वेरी से डबल अपग्रेड के बाद एलएंडटी टेक्नोलॉजी में लगभग 3 फीसदी की बढ़त हुई। इस बीच, पीएसयू बैंकों में मुनाफावसूली देखने को मिली। पीएनबी और आईडीबीआई बैंक में लगभग 2 फीसदी की गिरावट आई। आरईसी और पीएफसी ने नुकसान कम किया,लेकिन संभावित सरकारी बेलआउट की रिपोर्ट के बाद लाल निशान में बंद हुए। मार्केट ब्रेड्थ कमजोर रही। 1 बढ़ने वाले शेयर के मुकाबले 2 गिरने वाले शेयर देखने को मिले।

मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि एफआईआई की लगातार बिकवाली, गिरते रुपये, महंगे वैल्युएशन और अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने की धमकी जैसे नकारात्मक कारकों के संयोजन ने निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजार से दूर रखा है। हमारे बेंचमार्क इंडेक्सों ने एशियाई और यूरोपीय दोनों इंडेक्सों से कमतर प्रदर्शन किया है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार में आज एक और कारोबाी सत्र में उतार-चढ़ाव रहा। मिलेजुले संकेतों के बीच 0.50 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी इंडेक्स में कमज़ोर शुरुआत देखने को मिली। इसने हाल ही के 22,725 के निचले स्तर को फिर से छुआ, लेकिन चुनिंदा हैवीवेट शेयरों में आई रिकवरी ने नुकसान को कम करने में मदद की। आखिरकार,इंडेक्स 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ 22,795.90 पर बंद हुआ।

उम्मीद है कि बाजार में चल रहा कंसोलीडेशन का फेज जल्द ही खत्म हो जाएगा। बाजार की दिशा का अंदाजा लगाने के लिए बैंकिंग और आईटी पर फोकस बनाए रखना चाहिए। निफ्टी में 22,700 से नीचे एक निर्णायक ब्रेक 22,500 पर समर्थन स्तरों और 22,000 के आसपास एक बड़े सपोर्ट के साथ गिरावट का ट्रेंड जारी रहने के संकेत दे सकता है। ऊपर की ओर, 22,950-23,150 के जोन में तत्काल रजिस्टेंस बना हुआ है।

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