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RBI MPC Meeting : मॉनेटरी पॉलिसी का ग्रोथ पर फोकस ज्यादा,क्या नया हाई लगा सकता है बाजार?

RBI CREDIT POLICY: पाइपर सेरिका के अभय अग्रवाल का कहना है कि आरबीआई की आज की पॉलिसी बहुत अच्छी है। बाजार को बहुत अच्छा संकेत मिल रहा है। हमारे नये गवर्नर और वित्त मंत्रालय का तालमेल बहुत अच्छा है। सरकार और आरबीआई दोनों का लक्ष्य एक खपत अधारित ग्रोथ को बढ़ावा देने पर है

RBI MPC Meeting june 2025 : आज की आरबीआई पॉलिसी बाजार के नजरिए से काफी अच्छी मानी जा रही है। आरबीआई गवर्नर ने पॉलिसी की शुरुआत ग्लोबल रिस्क से की। इसके बाद उन्होंने दरों में 50 बेसिस प्वाइंट कटौती की ऐलान किया। 50 बेसिस प्वाइंट कटौती का बज़ूका फायर होते ही बाजार में जोरदार तेजी आई। उसके बाद आरबीआई गवर्नर ने दूसरा बज़ूका फायर किया वह था CRR में कटौती। इस बार कैश रिजर्व रेशियो में 1 फीसदी की कटौती की गई। यह बैंकिंग शेयरों के लिए एक बड़ा पॉजिटिव है। इसकी वजह से बैंकों खास करके पीएसयू बैंकों में जोरदार तेजी आई है। इसके अलावा महंगाई अनुमान में भी कटौती की गई है। इससे भी बाजार को अच्छा सपोर्ट मिला है।

क्रिसिल वरिष्ठ निदेशक एवं मुख्य अर्थशास्त्रीडीके जोशी का कहना है कि दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद है। लेकिन आरबीआई ने मॉनीटरी ईजिंग की कोशिशों की फ्रंट लोडिंग करते हुए दरों में 50 बेसिस प्वाइंट कटौती का ऐलान कर दिया है। महंगाई के अनुमान में भी कटौती की गई है। जबकि ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ दरों में कटौती से बाजार को खास फायदा नहीं दिखेगा। लेकिन सीआरआर में कटौती करते हुए आरबीआई ने लिक्विडिटी पुश भी दिया है। इन दोनों से इकोनॉमी को बहुत फायदा मिलेगा। इसके खासकर शहरी इकोनॉमी को ज्यादा फायदा होगा। शहरी मांग में बढ़त देखने को मिलेगी जो काफी दिनों से कमजोर चल रही थी।

इसके अलावा आरबीआई ने अपने रुख को बदलकर न्यूट्रल कर दिया है। इससे संकेत मिलता है कि अगर इकोनॉमी में कमजोरी आती है तो आरबीआई आगे दरों में और कटौती कर सकता है। वहीं, अगर इकोनॉमी इसी तरह मजबूत बनी रहती है को आगे दरों में कटौती की संभावना नहीं हैं। यानी आगे आरबीआई का रुख पूरी तरह से डेटा ड्रिवन रहेगा।

फाउंडर & फंड मैनेजर, पाइपर सेरिका (PIPER SERICA) अभय अग्रवाल का कहना है कि आरबीआई की आज की पॉलिसी बहुत अच्छी है। बाजार को बहुत अच्छा संकेत मिल रहा है। हमारे नये गवर्नर और वित्त मंत्रालय का तालमेल बहुत अच्छा है। सरकार और आरबीआई दोनों का लक्ष्य एक खपत अधारित ग्रोथ को बढ़ावा देने पर है। इसी के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दरों में कटौती की गई है। दरों में कटौती से खपत बढ़ेगी। खपत बढ़ने से प्राइवेट कैपेक्स बढ़ेगा। कैपेक्स बढ़ेगा तो रोजगार बढ़ेगा। उसके वापस कैपेक्स बढ़ेगा। इससे ग्रोथ की एक नई साइकिल शुरू होगी। बाजार भी इस बात को पॉजिटिव लेगा। ऐसे निवेश के नजरिए से बैंक खासकर छोटे बैंक अच्छे नजर आ रहे हैं। इस पॉलिसी के बाद न्यू हाई की तरफ जाता दिख सकता है।

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