Share Market Falls: निफ्टी IT इंडेक्स कारोबार के दौरान एक फीसदी से अधिक लुढ़क गया
Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 13 मई को तेज गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार के दौरान 1093 अंक या 1.32% टूटकर 81,336.04 के स्तर तक आ गया। वहीं निफ्टी में 290 अंकों की गिरावट आई और यह फिसलकर 24,634.90 के स्तर पर आ गया। यह गिरावट ऐसे समय में आई जब एक दिन पहले ही शेयर बाजारों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिली। सोमवार को सेंसेक्स करीब 3000 अंक बढ़कर बंद हुआ, जो पिछले 4 सालों में आई सबसे बड़ी तेजी थी। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कल की शानदार तेजी के बाद आज शेयर बाजारों में मुनाफावसूली जारी है, जिसके चलते बिकवाली देखने को मिल रही है।
आइए जानते हैं शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीचे 3 मुख्य कारण क्या रहे-
1. मुनाफावसूली का दौर
शेयर बाजार में सोमवार 12 मई को पिछले 4 साल की सबसे बड़ी सिंगल-डे रैली देखी गई थी। सेंसेक्स लगभग 3000 अंक चढ़कर बंद हुआ था। इस शानदार तेजी के बाद निवेशकों की ओर आज मंगलवार 13 मई को शेयर बाजार में मुनाफा वसूली देखने को मिली, जो आज की गिरावट का मुख्य कारण रहा। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कल की बड़ी तेजी के बाजार में इस तरह की मुनाफावसूली का दिखना एक सामान्य बात है। इस बीच वोलैटिलिटी इंडेक्स में आज लगभग सपाट कारोबार रहा, जो बताता है कि इस गिरावट के पीछे किसी तरह की पैनिक सेलिंग नहीं है।
2. आईटी शेयरों में गिरावट
सोमवार को अमेरिकी-चीन ट्रेड डील के चलते आईटी सेक्टर में जोरदार खरीदारी देखने को मिली थी। निफ्टी आईटी इंडेक्स ने पिछले 5 सालों की सबसे बड़ी छलांग लगाई। लेकिन आज निफ्टी IT इंडेक्स एक फीसदी से अधिक लुढ़क गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट किसी बड़े ट्रेंड बदलाव की ओर इशारा नहीं करती बल्कि यह शॉर्ट-टर्म की मुनाफावसूली है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ वीके विजयकुमार ने कहा, “अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ कम करने पर सहमति बनना ग्लोबल इकॉनमी के लिए एक पॉजिटिव संकेत है। इससे भारतीय आईटी कंपनियों को अमेरिका में बढ़ते टेक्नोलॉजी खर्च का फायदा मिल सकता है।”
3. ग्लोबल दबाव और अनिश्चितताएं
क्रूड ऑयल के दाम में बढ़ोतरी, अमेरिकी डॉलर की मजबूती (DXY इंडेक्स) और कुछ हद तक जियोपॉलिटिकल तनाव ने भी शेयर मार्केट के सेंटीमेंट पर आज नकारात्मक असर डाला। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हुई है, लेकिन इसके बावजूद सीमा पर ड्रोन और शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ जैसी खबरें सामने आई हैं। इसी दौरान, अमेरिका का डाउ जोन्स फ्यूचर्स भी भारतीय समयानुसार मामूली नुकसान में ट्रेड कर रहे थे, जिससे निवेशकों में सतर्कता देखी गई।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ वीके विजयकुमार ने कहा, “कल 12 मई को निफ्टी में जो 916 अंकों की उछाल आई थी, वह मुख्य रूप से शॉर्ट कवरिंग और HNI व रिटेल निवेशकों की खरीदारी से आई थी, न कि संस्थागत निवेश से। FII और DII की कुल खरीद सिर्फ 2,694 करोड़ रुपये रही। इसका मतलब यह है कि आने वाले दिनों में संस्थागत निवेश सीमित रह सकता है, जिससे रैली में रुकावट आ सकती है।”
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