Stock Market Outlook: दलाल स्ट्रीट पर 17 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में लगातार दूसरे हफ्ते बुल्स का दबदबा देखने को मिला। अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंता में राहत, वैल्यू बाइंग और शॉर्ट-कवरिंग के चलते बाजार ने अपने सभी नुकसान तेजी से रिकवर कर लिए और मार्च का ऊपरी स्तर भी पार कर लिया। इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स ने 1 फरवरी 2021 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी दर्ज की।
ट्रेड पार्टनर्स से बातचीत की उम्मीद और कुछ टेक प्रोडक्ट्स पर छूट मिलने से अमेरिकी टैरिफ रोकने की घोषणा ने निवेशकों में भरोसा लौटाया। विदेशी निवेशकों की फिर से दिलचस्पी, सामान्य से बेहतर मानसून का पूर्वानुमान और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी बाजार की धारणा को मजबूती दी।
निफ्टी 50 में इस सप्ताह 1,023 अंकों (4.48%) की तेजी रही और यह 23,852 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स में 3,396 अंकों (4.52%) की तेजी रही और यह 78,553 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 4.27% और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 4.55% की बढ़त दर्ज की गई।
Geojit Investments में रिसर्च के हेड विनोद नायर का कहना है, "आगामी तिमाही नतीजों और कंपनियों की मैनेजमेंट कमेंट्री के आधार पर सेक्टर और स्टॉक-स्पेसिफिक निवेश रणनीति देखने को मिलेगी, जो बाजार की धारणा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।"
आइए जानते हैं कि 21 अप्रैल से शुरू हो रहे हफ्ते में किन 10 बड़े फैक्टर के आधार पर बाजार की दशा और दिशा तय होगी।
कॉर्पोरेट नतीजे
अगले सप्ताह 100 से अधिक कंपनियां मार्च तिमाही के नतीजे पेश करेंगी। इनमें HCL Technologies, Tata Consumer Products, Axis Bank, Hindustan Unilever, SBI Life Insurance, Tech Mahindra, Maruti Suzuki जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं।
Master Capital Services के AVP रिसर्च विष्णु कांत उपाध्याय के अनुसार, "Q4 के नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे। कमजोर नतीजे मौजूदा तेजी को नुकसान पहुंचा सकते हैं और हाल की कमाई मिटा सकते हैं।"
ट्रंप टैरिफ डेवलपमेंट्स
बाजार की नजर अमेरिका और यूरोप/चीन के बीच चल रही ट्रेड बातचीत पर भी रहेगी। अमेरिका ने सभी ट्रेड पार्टनर्स (चीन को छोड़कर) के लिए टैरिफ 90 दिनों के लिए टाल दिए हैं। हालांकि अमेरिका ने चीन पर 245% टैरिफ की घोषणा कर दी है, जिससे ट्रेड वॉर और गहरा गया है।
ट्रंप ने समझौते की उम्मीद जताई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस डिटेल या टाइमलाइन नहीं दी गई है। भारतीय बाजार में यह उम्मीद बनी है कि अमेरिका-चीन के बीच तनाव भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
IMF बैठक
भारतीय बाजार की नजर वर्ल्ड बैंक समूह और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बैठकों पर भी रहेगी। खासकर ऐसे समय में, जब अमेरिका के ट्रेड वॉर के चलते वैश्विक मैक्रोइकोनॉमिक माहौल कमजोर हो रहा है। इस साल की स्प्रिंग मीटिंग 21 से 26 अप्रैल के बीच वॉशिंगटन डीसी में आयोजित की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें ट्रेड वॉर और उसके वैश्विक विकास पर असर, साथ ही वर्ल्ड बैंक और IMF के काम की प्रगति शामिल होगी।
वैश्विक आर्थिक आंकड़े
23 अप्रैल को प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMIs के फ्लैश आंकड़े जारी किए जाएंगे, जो अप्रैल महीने की कारोबारी गतिविधियों को लेकर शुरुआती संकेत देंगे।
इसके अलावा अमेरिका से टिकाऊ वस्तुओं (durable goods) के ऑर्डर, साप्ताहिक रोजगार आंकड़े, और अप्रैल महीने की उपभोक्ता महंगाई उम्मीदों (inflation expectations) के आंकड़े भी बाजार की नजर में रहेंगे।
घरेलू आर्थिक आंकड़े
भारत में HSBC मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMIs के फ्लैश आंकड़े 23 अप्रैल को जारी किए जाएंगे। मार्च में मैन्युफैक्चरिंग PMI तेजी से बढ़कर 58.1 हो गया था, जो फरवरी के 56.3 से काफी ऊपर है। वहीं सर्विस सेक्टर की गतिविधि उसी अवधि में थोड़ी घटी, क्योंकि बाहरी मांग में कमी से भारतीय सेवाओं की मांग प्रभावित हुई।
इसके अतिरिक्त 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए बैंक ऋण और जमा वृद्धि, और 18 अप्रैल को समाप्त पखवाड़े के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 25 अप्रैल को जारी किए जाएंगे।
विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री पर नजर
बाजार भागीदारों की नजर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियों पर भी रहेगी, जिन्होंने पिछले हफ्ते के अंतिम तीन कारोबारी दिनों में भारी खरीदारी की। इसका कारण अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावट और भारत की अमेरिका और चीन की तुलना में बेहतर वृद्धि की उम्मीदें रहीं।
Geojit के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार के मुताबिक, "यह खरीदारी का रुख इस अनिश्चित माहौल में भी जारी रह सकता है।"
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स पिछले हफ्ते 0.18% गिरकर 99.23 पर बंद हुआ, जो 28 मार्च 2022 के बाद का सबसे निचला स्तर है। यह सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है। वहीं, अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड जो पिछले हफ्ते तेजी से बढ़ी थी, अब 4.33% पर आ गई, हफ्तावार 3.65% की गिरावट के साथ।
कच्चे तेल की कीमतें
तेल की कीमतों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि ब्रेंट क्रूड वायदा कीमतों में पिछले हफ्ते करीब 5% की तेजी आई और यह $67.96 प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह तेजी अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में प्रगति और ईरान पर प्रतिबंधों में ढील की उम्मीदें घटने के कारण आई।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला का कहना है कि ईरान ने अमेरिका की परमाणु कार्यक्रम रोकने की मांग ठुकरा दी, और अमेरिकी ट्रेजरी ने ईरानी कच्चे तेल के चीनी आयातकों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इसका कच्चे तेल की कीमतों पर असर पड़ा।
हालांकि कच्चे तेल के दाम में तेजी के बावजूद साप्ताहिक आधार पर कीमतें अभी भी सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे हैं, जो भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए अनुकूल है।
तकनीकी नजरिया
तकनीकी रूप से, निफ्टी 50 मजबूत दिख रहा है। साप्ताहिक चार्ट पर एक लंबा बुलिश कैंडल बना है, जो पिछले हफ्ते के गैप-अप ओपनिंग और मजबूती की पुष्टि करता है। RSI (Relative Strength Index) 53.95 पर है और ऊपर की ओर बढ़ रहा है, जबकि MACD (Moving Average Convergence Divergence) में पॉजिटिव क्रॉसओवर के साथ हिस्टोग्राम में सुधार देखा गया है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर निफ्टी 24,000 पार करके ऊपर टिकता है, तो यह 24,200 से 24,545 तक की रैली कर सकता है। नीचे की ओर सपोर्ट 23,650 और फिर 23,350 पर है।
F&O संकेत
मजबूत गति को देखते हुए, साप्ताहिक ऑप्शन्स डेटा दिखाता है कि निफ्टी 50 को अल्पकाल में 25,000 के स्तर पर रेजिस्टेंस मिल सकता है, जबकि सपोर्ट 23,500 पर दिख रहा है।
कॉल साइड:
- सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 25,000 स्ट्राइक पर है, फिर 24,000 और 24,500 पर।
- सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग भी 25,000, 24,500 और 24,200 पर हुई है।
पुट साइड:
- सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 23,500 पर है, उसके बाद 23,000 और 23,300 स्ट्राइक पर।
- सबसे ज्यादा पुट राइटिंग 23,500, 23,800 और 23,600 पर हुई है।
इस बीच, भारत का VIX यानी फियर इंडेक्स हफ्ते भर में 23.08% गिरकर 15.47 पर आ गया है, जिससे बुल्स को मजबूत समर्थन मिल रहा है।
कॉर्पोरेट ऐक्शन
आने वाले हफ्ते में कुछ प्रमुख कॉर्पोरेट घटनाएं होने वाली हैं। इनमें डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट्स जैसी चीजें शामिल हैं। (डिटेल के लिए चार्ट देखें)
टिप्पणियाँ