हिंदी न्यूज़बिजनेसSwiggy Vs Zomato: डिलीवरी की जंग में कौन बनेगा बादशाह, यहां समझिए कौन कहां कितना दमदार
Swiggy Vs Zomato: Swiggy का Q4 प्रदर्शन मुनाफे के मामले में कुछ खास नहीं रहा. कंपनी ने 1,081 करोड़ का घाटा दर्ज किया है. वहीं, Zomato ने भी प्रॉफिट के मोर्चे पर झटका खाया है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: सुष्मित सिन्हा | Updated at : 12 May 2025 08:41 PM (IST)
स्विगी या जोमैटो, निवेश के लिए कौन बेहतर?
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Swiggy Vs Zomato: ऑनलाइन फूड डिलीवरी की दुनिया में दो बड़े खिलाड़ी आमने-सामने हैं, Swiggy और Zomato (अब Eternal). दोनों कंपनियों के ताज़ा तिमाही नतीजे (Q4 FY25) सामने आ चुके हैं और निवेशकों के लिए ये जानना बेहद ज़रूरी है कि इस समय किस कंपनी का शेयर ज़्यादा फायदे का सौदा साबित हो सकता है. आइए, इस मुकाबले को चार अहम पहलुओं में समझते हैं.
मुनाफा कम, नुकसान ज़्यादा
Swiggy का Q4 प्रदर्शन मुनाफे के मामले में कुछ खास नहीं रहा. कंपनी ने 1,081 करोड़ का घाटा दर्ज किया है, जो कि पिछले साल इसी तिमाही में हुए 553 करोड़ के घाटे से करीब दोगुना है. हालांकि, राहत की बात यह है कि कंपनी के राजस्व (Revenue) में 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) में भी 17.6 फीसदी की बढ़त देखने को मिली.
वहीं, Zomato (अब Eternal) ने भी प्रॉफिट के मोर्चे पर झटका खाया है. कंपनी का नेट प्रॉफिट 39 करोड़ रहा, जो कि साल-दर-साल आधार पर 78 फीसदी की गिरावट है. लेकिन, ऑपरेशनल रेवेन्यू में कंपनी ने शानदार 64 फीसदी की ग्रोथ दिखाई है, जो 5,833 करोड़ तक पहुंच गया है.
कंपनी की रणनीति और टॉप मैनेजमेंट की बात
Swiggy के CEO श्रीहरषा माजेती ने कहा है कि Instamart में Q4 के अंत तक घाटा चरम पर था और अब आने वाले समय में धीरे-धीरे घाटा कम किया जाएगा. उनका कहना है कि ऑर्डर वैल्यू बढ़ाने और कंपटीशन को मैनेज करने पर फोकस रहेगा.
Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि फूड डिलीवरी में कंपटीशन हमेशा से जबरदस्त रहा है और अब भी वैसा ही है. हालांकि, कंपनी की मार्केट शेयर स्थिर बनी हुई है और वे आगे इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं.
ब्रोकरेज हाउस का नजरिया
Swiggy पर ब्रोकरेज फर्म JM Financial ने पॉजिटिव रुख दिखाया है. उनके मुताबिक, फूड डिलीवरी सेगमेंट में कंपनी ने बेहतरीन ग्रोथ और मार्जिन हासिल किया है, लेकिन Instamart में ग्रोथ धीमी रही और घाटा ज़्यादा. फिर भी, कंपनी के लिए 450 रुपये का टारगेट प्राइस रखा गया है, जो मौजूदा कीमत 313 से करीब 44 फीसदी की अपसाइड को दिखाता है.
दूसरी तरफ, Zomato को लेकर Nuvama Institutional Equities ने अपने टारगेट प्राइस को 290 रुपये से घटाकर 280 रुपये कर दिया है. इसके पीछे जो वजह है, वह क्विक कॉमर्स बिजनेस में गिरती प्रॉफिटेबिलिटी है. हालांकि, कंपनी के पास 18,800 करोड़ की मजबूत कैश पोजीशन है, जो इसे फंड बर्न से बचा रही है.
शेयर बाजार में प्रदर्शन
अगर हालिया प्रदर्शन की बात करें तो Swiggy का शेयर पिछले 5 ट्रेडिंग सेशन्स में 6 फीसदी गिरा है. पिछले 6 महीनों में इसमें 31 फीसदी की गिरावट आई है और नवंबर 2024 में लिस्टिंग के बाद से अब तक 26.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हो चुकी है.
इसके मुकाबले Zomato के शेयर ने थोड़ी स्थिरता दिखाई है. पिछले 5 दिनों में यह 2 फीसदी ऊपर गया है, जबकि पिछले 1 महीने में 6 फीसदी की बढ़त दी है. हालांकि, 6 महीनों में यह 8 फीसदी गिरा जरूर है, लेकिन पिछले एक साल में 16 फीसदी का रिटर्न देकर निवेशकों को फायदा भी पहुंचाया है.
निवेश का सही मौका किसमें?
अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट सोच रहे हैं, तो Zomato की स्थिर ग्रोथ, मजबूत कैश रिज़र्व और बेहतर शेयर परफॉर्मेंस इसे थोड़ी बढ़त दिलाती है. वहीं, Swiggy अभी भी क्विक कॉमर्स (Instamart) से जूझ रहा है, लेकिन फूड डिलीवरी बिज़नेस में उसकी पकड़ मज़बूत होती दिख रही है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 12 May 2025 08:35 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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