टू ईयर अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड बुधवार को घटकर 4.086 फीसदी पर आ गया। जो पिछले दिन के 4.074 फीसदी के निम्नतम स्तर के बहुत करीब है
दुनिया का 6 बड़ी मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के वॉल्यू पर नजर रखने वाला इंडेक्स US dollar index एशियाई डे के आरंभ में 0.1 फीसदी गिरकर 106.17 पर आ गया। जिससे यह सोमवार के निम्नतम स्तर 106.13 के करीब पहुंच गया। ये 10 दिसंबर के बाद का इसका सबसे कमजोर स्तर है। कमजोर आर्थिक आंकड़ों के बाद शॉर्ट टर्म ट्रेजरी यील्य में आई गिरावट के दबाव में बुधवार को अमेरिकी डॉलर दूसरी बड़ी करेंसीज के मुकाबले 11 हफ्ते के निचले स्तर के करीब पहुंच गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ के नए दौर की धमकी के बीच निवेशकों की भावना कमजोर हुई। इसके कारण सेफ-हेवन येन अक्टूबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर जाता दिखा। जबकि कनाडाई डॉलर दो सप्ताह के निचले स्तर के पास आ गया। बता दें कि अगले सप्ताह अमेरिका में अतिरिक्त शुल्क लगने की संभावना है।
नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक में मार्केट इकोनॉमिक्स हेड तापस स्ट्रिकलैंड ने कहा कि नेट पर यू.एस. डेटा फ्लो अब उम्मीदों को कमजोर कर रहा है। ट्रेड पॉलिसी से जुड़ी अनिश्चितता निश्चित रूप से भावनाओं को कमजोर कर रही है। कमोडिटी से जुड़ी मुद्राओं को नुकसान पहुंचा रही है और उन मुद्राओं को बढ़ावा दे रही है जिन्हें सुरक्षित माना जाता है।
एक दिन पहले,अमेरिकी कॉन्फ्रेंस बोर्ड ने कहा था कि उसका कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 7 अंक गिरकर 98.3 पर आ गया है। ये अगस्त 2021 के बाद से इसकी सबसे बड़ी गिरावट है,जो रॉयटर्स सर्वेक्षण के 102.5 के अनुमान से काफी कम है। इस आंकड़े में कमजोरी के चलते फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में दो तहाई अंकों की कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। बाजार का अनुमान है कि दरों में अगली कटौती संभवतः जुलाई में होगी।
टू ईयर अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड बुधवार को घटकर 4.086 फीसदी पर आ गया। जो पिछले दिन के 4.074 फीसदी के निम्नतम स्तर के बहुत करीब है। यह आंकड़ा 1 नवंबर के बाद का सबसे निचला स्तर है।
बता दें कि मंगलवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 51 पैसे गिरकर 87.21 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। वहीं, सोमवार को ये 86.70 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था। रुपये की शुरुआत भी कल कमजोरी के साथ हुई थी। डॉलर के मुकाबले रुपया कल15 पैसे टूट कर 86.85 के स्तर पर खुला था। कारोबारी सत्र के आगे बढ़ने के साथ इसकी कमजोरी भी बढ़ती गई। अंत में ये 51 पैसे टूट कर बंद हुआ था।
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