Pakistan Tehreek-e-Taliban Kashmir TTK: जिस तरह से भारत में हर रोज एक नया यूनिकॉर्न तैयार हो रहा है, उसी तरह पाकिस्तान की धरती पर हर रोज एक नया आतंकी संगठन तैयार किया जा रहा है. अब पाकिस्तान में एक नए आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) ने जन्म लिया है. जन्म लेते ही इस नए आतंकी संगठन ने भारत के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया और कहा कि वो नियंत्रण रेखा (LoC) को नहीं मानता और पाकिस्तान सेना भारत के खिलाफ उसके जिहाद में रोड़ा न बने. इस नए आतंकी संगठन को बनाने के मकसद के बारे में आपको बताएं उससे पहले इसकी देखरेख किन आतंकियों को मिली है जरा उनके बारे में आप जान लीजिए.
वैसे तो तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर की चिट्ठी में कहा गया है कि इसका प्रमुख मौलाना मकबूल डार है और प्रवक्ता मुफ्ती महबूब बट सोपोर हैं. हालांकि खुफिया सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों नाम नकली है और असल में इसे चलाने की जिम्मेदारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने अपने पूर्व वायुसेना अधिकारी और भारत में वांटेड आतंकी अब्दुल्लाह उमर खान उर्फ गाजी शहजाद और मुर्तजा खान उर्फ मूसा गजनवी को दी है.
कारगिल की लड़ाई में कैप्टन पद पर तैनात था गाजी शहजाद
सूत्रों के मुताबिक, गाजी शहजाद कारगिल की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना में कैप्टन के पद पर तैनात था. साथ ही खुद पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की तरफ से साल 2000 में गाजी शहजाद को वीरता का सर्टिफिकेट भी दिया गया था, जो जूनियर ऑफिसर्स को युद्ध के दौरान लड़ने के लिए पाकिस्तान में दिया जाता है.
इतना ही नहीं गाजी शहजाद PoK में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रमुख कमांडर भी रह चुका है और PoK के सुधनोति जिले का रहने वाला है. इसके अलावा रविवार (1 जून, 2025) को जो तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर ने चिट्ठी जारी की वो रावलाकोट के ही रहने वाले लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व कमांडर मुर्तजा खान उर्फ मूसा गजनवी ने जारी की थी और फिलहाल TTK का कामकाज इन्हीं दोनों आतंकियों को सौंपा गया है.
घुसपैठ कर भारत में काटी सजा, वापस जाकर बनाया भारत विरोधी आतंकी संगठन
अब्दुल्ला उमर खान उर्फ गाजी शहजाद की बात करें तो इसने पाकिस्तानी सेना से रिटायरमेंट के बाद 2001 में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया था और 2007 में LeT ने इसे भारत में हमला करने भेजा था, लेकिन घुसपैठ के बाद इसे गिरफ्तार कर लिया गया और फिर जेल में रखने के बाद भारत ने सजा पूरी होने के बाद इसे वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान जाकर पहले अब्दुल्ला उमर खान उर्फ गाजी शहजाद ने पहले PoK में चुनाव लड़ा और फिर हाफिज सईद के आदेश पर तहरीक-ए-तवासुर नाम का एक भारत विरोधी आतंकी संगठन बनाया और PoK में लश्कर का काम जारी रखा. यह आतंकी संगठन भी द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की तरह ही लश्कर-ए-तैयबा का ऑफशूट संगठन था.
पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने आतंकियों को जेल से भगाया
हालांकि, FATF की ग्रे लिस्ट से हटाने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी की तरह ही गाजी शहजाद को 2023 में गिरफ्तार कर लिया था और रावलाकोट की जेल में बंद कर दिया था, लेकिन पिछले साल जुलाई में रावलाकोट जेल से गाजी शहजाद और उसके 19 साथियों को पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने भगा दिया था.
2000 के दशक में मुर्तजा खान ने LeT की थी जॉइन
इसी तरह, मुर्तजा खान उर्फ मूसा गजनवी ने भी 2000 के दशक में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन की थी और साल 2011 से इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लश्कर का प्रोपेगंडा फैलाने की थी और इस समय भी आतंकी कश्मीर में लश्कर का प्रोपेगंडा प्रमुख था, जिसका काम सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लश्कर-ए-तैयबा का जिहाद युवाओं का फैला कर PoK के युवाओं को लश्कर के ट्रेनिंग कैंप तक लाया जाए, लेकिन अब खुफिया सुत्रों के मुताबिक, मुर्तजा ख़ान उर्फ मूसा गजनवी को तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर के नाम से PoK में भारत के खिलाफ आतंक का प्रोपेगंडा फैलाने का आदेश मिला है.
आसिम मुनीर की कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की नीति का हिस्सा है TTK
सूत्रों के मुताबिक, PoK के रावलाकोट में ISI का CAD (Covert Action Division) स्थित है, जिसकी मदद से पहले अब्दुल्लाह उमर खान उर्फ गाजी शहजाद को पिछले साल जेल से भगाया गया और अब ISI और पाकिस्तानी सेना गाजी शहजाद और मूसा गजनवी को TTK को चलाने की जिम्मेदारी दी है. TTK के इस तरह से पैदा होने के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के काउंटर टेररिज्म के एक्सपर्ट्स भी इस बात पर मुहर लगा रहे हैं कि तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर पाकिस्तानी सेना के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की नीति का हिस्सा है.
खुद को आतंकवाद से पीड़ित दिखाने के लिए पाकिस्तान ने बनाया नया आतंकी संगठन
काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट और यूरोपियन फॉउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के निदेशक जुनैद कुरैशी के मुताबिक, जिस तरह से पाकिस्तान पहलगाम हमले के बाद से पूरी दुनिया में एक्सपोज हो गया था और पूरी दुनिया ने न सिर्फ माना था कि भारत में आतंकी हमले पाकिस्तान की धरती से हो रहे हैं बल्कि भारत की कार्रवाई को समर्थन दिया था, ऐसे में पाकिस्तानी सेना ने इस नए आतंकी संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) दिया, ताकि पाकिस्तान दुनिया के सामने इस आतंकी संगठन से दूरी बना सके और क्योंकि नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से मिलता जुलता है ऐसे में पाकिस्तान पूरी दुनिया में ढिंढोरा पीट सकता है कि वो खुद TTP से पीड़ित है ऐसे में TTK से उसका कोई लेना देना नहीं है और खुद की आतंक से पीड़ित इमेज पाकिस्तान पूरे विश्व में फैला सके.
वहीं, पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड मेजर आदिल राजा के मुताबिक, यह पाकिस्तान की दशकों पुरानी नीति का हिस्सा है कि जब सेना ने पहले अफगान तालिबान बनाया, फिर लश्कर बनाया, फिर जैश और अब पंजाबी तालिबान. इसलिए पाकिस्तान आज ग्लोबल टेरर इंडेक्स में दूसरे स्थान पर है और इसका प्रयोग आसिम मुनीर कश्मीर को दहलाने के लिए करेगा.
पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी ने किया खुलासा
तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) नाम के नए आतंकी संगठन ने जिस तरह से अपने आने की चिट्ठी जारी करके उसमें लिखा कि वो मकबूल भट्ट की नीति पर चलेगा और UN रेजोल्यूशन समेत भारत पाकिस्तान के खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुखों की किताब का जिक्र किया, ऐसे में पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड मेजर आदिल राजा के मुताबिक, यह चिट्ठी किसी आतंकी संगठन की नहीं बल्कि ध्यान से सेना मुख्यालय से ड्राफ्ट हुई है और ये आसिम मुनीर की नीति का हिस्सा है, जिसमें वो कश्मीर में आतंकवाद अपना नाम आने बिना फैलाना चाहता है.
काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट और EFSAS के निदेशक जुनैद कुरैशी के मुताबिक, इस बात की पूरी संभावना है कि कश्मीर में अब आने वाले दिनों में हमलों की जिम्मेदारी पाकिस्तान TTK से ही दिलवाए जैसा कि FATF से बचने के लिए पाकिस्तान ने TRF और Kashmir Tigers से करवाया था. वैसे TTK का संचालक पाकिस्तानी सेना का पूर्व कैप्टेन और लश्कर कमांडर है, यह बात अकेले भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्र नहीं कह रहे बल्कि PoK की पुलिस ने भी कुछ दिन पहले दावा किया था कि गाजी शहजाद तहरीक-ए-तालिबान का काम कश्मीर में देख रहा है. हालांकि, उस समय यह बयान जर्नोश और उसके साथियों के एनकाउंटर को लेकर दिया गया था और तब TTK के गठन का ऐलान नहीं हुआ था और PoK की पुलिस को सेना की तरफ से जानकारी नहीं मिली थी कि गाजी शहजाद का इस्तेमाल सेना और ISI करने जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना और ISI तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर नाम के इस नए संगठन का प्रयोग सिर्फ भारत में आतंकी हमला करवाने के लिए नहीं करेगी बल्कि PoK में मौजूद अवामी एक्शन कमेटी के नेता जो कश्मीर को पाकिस्तान से अलग करने की मांग करते हैं, उन पर भी ISI हमला करवाकर इसी आतंकी संगठन से जिम्मेदारी दिलाएगी ताकि PoK में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ उठ रही आवाजों को खत्म किया जा सके और उसका इल्जाम भारत पर डाल कर खुद को बचाया जा सके.
जहां PoK की पाकिस्तानी पुलिस दावा कर रही है कि वो गाजी शहजाद को ढूंढ रही है तो सूत्रों के मुताबिक, गाजी शहजाद इस समय पीओके और खैबर पख्तूनख्वा की सीमा पर स्थित ISI के सेफ हाउस में है जहाँ ना सिर्फ पाकिस्तानी सेना और ISI उसे सुरक्षा दे रही है बल्कि आसिम मुनीर के अगले ऑपरेशन की तैयारी करवा रही है. हमारे इस खुलासे के बाद हो सकता है कि पाकिस्तान की सेना के आदेश पर कोई दो चेहरे आ जाए और खुद को TTK का प्रमुख मौलाना मकबूल डार है और प्रवक्ता मुफ्ती महबूब बट सोपोर बताने लगे, लेकिन असल में इस नए आतंकी संगठन की कमान सिर्फ और सिर्फ एक व्यक्ति पाकिस्तानी सेना का प्रमुख आसिम मुनीर के पास है.
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