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इस देश में इंसानों से ज्यादा हैं घोड़े, जानिए कितनी है संख्या?

धरती में असंख्य जानवर मौजूद हैं. इनमें से कुछ जानवर ऐसे हैं, जिन्हें उनकी विशेषता के कारण जाना जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां इंसानों से ज्यादा घोड़े मौजूद हैं.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 27 Feb 2025 09:16 AM (IST)

धरती में असंख्य जानवर मौजूद हैं. इनमें से कुछ जानवर ऐसे हैं, जिन्हें उनकी विशेषता के कारण जाना जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां इंसानों से ज्यादा घोड़े मौजूद हैं.

क्या आप जानते हैं कि वो कौन सा देश है, जहां पर इंसानों से ज्यादा घोड़े मौजूद हैं. जी हां, आपको सुनकर ये आश्चर्य होगा कि एक देश ऐसा है, एक देश ऐसा है. जहां इंसानों से ज्यादा घोड़े है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंगोलिया एक ऐसा देश है, जहां इंसानों से ज्यादा घोड़े मौजूद हैं. इतना ही नहीं मंगोलिया में घोड़े संस्कृति और इतिहास का एक हिस्सा है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंगोलिया एक ऐसा देश है, जहां इंसानों से ज्यादा घोड़े मौजूद हैं. इतना ही नहीं मंगोलिया में घोड़े संस्कृति और इतिहास का एक हिस्सा है.

मंगोलिया की आबादी करीब 34 लाख है. लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यहां 40 लाख से ज्यादा घोड़े हैं.इस देश में हर व्यक्ति के लिए पास कम से कम एक घोड़ा तो जरूर है.

मंगोलिया की आबादी करीब 34 लाख है. लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यहां 40 लाख से ज्यादा घोड़े हैं.इस देश में हर व्यक्ति के लिए पास कम से कम एक घोड़ा तो जरूर है.

मंगोलिया में प्राचीन के समय खानाबदोश लोग अपना पूरा जीवन घोड़ों पर निर्भर रहते थे. मंगोलियाई के लोगों के मुताबिक वहां घोड़े के बिना जीवन अधूरा है.

मंगोलिया में प्राचीन के समय खानाबदोश लोग अपना पूरा जीवन घोड़ों पर निर्भर रहते थे. मंगोलियाई के लोगों के मुताबिक वहां घोड़े के बिना जीवन अधूरा है.

बता दें कि मंगोलिया में हर साल “नादाम फेस्टिवल” मनाया जाता है. ये फेस्टिवल तीन बड़े खेलों  घुड़दौड़, कुश्ती और तीरंदाजी के लिए जाना जाता है. इस त्योहार में घुड़दौड़ में 5 से 12 साल तक के बच्चे सवार होते हैं.

बता दें कि मंगोलिया में हर साल “नादाम फेस्टिवल” मनाया जाता है. ये फेस्टिवल तीन बड़े खेलों घुड़दौड़, कुश्ती और तीरंदाजी के लिए जाना जाता है. इस त्योहार में घुड़दौड़ में 5 से 12 साल तक के बच्चे सवार होते हैं.

मंगोलियाई के लोगों का मानना है कि घुड़दौड़ सिर्फ ताकत का खेल नहीं, बल्कि धैर्य और रणनीति का भी खेल है. यही वजह है कि यहां के घोड़े बचपन से ही खास ट्रेनिंग पाते हैं.

मंगोलियाई के लोगों का मानना है कि घुड़दौड़ सिर्फ ताकत का खेल नहीं, बल्कि धैर्य और रणनीति का भी खेल है. यही वजह है कि यहां के घोड़े बचपन से ही खास ट्रेनिंग पाते हैं.

मंगोलियाई घोड़े दुनिया के बाकी घोड़ों से काफी अलग होते हैं. दरअसल ये छोटे कद के होते हैं, लेकिन काफी मजबूत, सहनशील और समझदार होते हैं. मंगोलियाई लोगों के मुताबिक अगर कोई घोड़ा एक बार किसी जगह जाता है, तो वह बिना देखे भी वहां का रास्ता पहचान सकता है.

मंगोलियाई घोड़े दुनिया के बाकी घोड़ों से काफी अलग होते हैं. दरअसल ये छोटे कद के होते हैं, लेकिन काफी मजबूत, सहनशील और समझदार होते हैं. मंगोलियाई लोगों के मुताबिक अगर कोई घोड़ा एक बार किसी जगह जाता है, तो वह बिना देखे भी वहां का रास्ता पहचान सकता है.

Published at : 27 Feb 2025 09:16 AM (IST)

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शशि शेखर

शशि शेखर

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