हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की तीनों सेनाओं के बीच कैसा था तालमेल? रक्षा मंत्रालय ने बताया
Operation Sindoor: रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई सावधानीपूर्वक तैयार योजना और खुफिया जानकारी पर आधारित दृष्टिकोण पर केंद्रित थी.
By : पीटीआई- भाषा | Edited By: संतोष सिंह | Updated at : 19 May 2025 12:29 AM (IST)
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं के बीच कैसा था तालमेल
Operation Sindoor: रक्षा मंत्रालय ने रविवार (18 मई, 2025) को कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपसी समन्वय की शक्ति और रणनीतिक दूरदृष्टि का प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया प्रदर्शित हुई, जिसमें सटीकता, पेशेवर अंदाज और उद्देश्य की झलक मिली.
ऑपरेशन सिंदूर की परिकल्पना नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार और पाकिस्तान के अंदर तक आतंक के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए एक दंडात्मक और लक्षित अभियान के रूप में की गयी थी. भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की.
'पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी क्षति पहुंचाई गई'
पाकिस्तान की कोशिश का भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया. वायु सेना के ठिकानों, वायु रक्षा प्रणालियों, कमान एवं नियंत्रण केंद्रों और रडार स्थलों सहित कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी क्षति पहुंचाई गई. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की, कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र में सभी प्रकार की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गए हैं.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई सावधानीपूर्वक तैयार योजना और खुफिया जानकारी पर आधारित दृष्टिकोण पर केंद्रित थी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि ऑपरेशन न्यूनतम क्षति के साथ संचालित किया गया. इस सफलता का मुख्य कारण एकीकृत कमान और नियंत्रण रणनीति (आईसीसीएस) थी, जिसने कई क्षेत्रों में वास्तविक समय में खतरे की पहचान, आकलन और रोकथाम को संभव बनाया.
'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेनाओं के बीच प्रभावशाली तालमेल था'
बयान में कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर के प्रत्येक क्षेत्र में सेनाओं के बीच प्रभावशाली तालमेल था और सरकार, एजेंसियों और विभागों द्वारा पूर्ण सहयोग दिया गया. यह ऑपरेशन भूमि, वायु और समुद्र में किया गया भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच तालमेल का एक निर्बाध प्रदर्शन था. इसमें कहा गया है कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ सटीक हमले करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
कैरियर बैटल ग्रुप ने निभाई अहम भूमिका
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने समुद्री प्रभुत्व स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एक समग्र नेटवर्क बल के रूप में काम करते हुए नौसेना ने मिग-29 के लड़ाकू जेट और अग्रिम हवाई चेतावनी हेलीकॉप्टर से लैस अपने कैरियर बैटल ग्रुप (सीबीजी) को तैनात किया. इससे समुद्री क्षेत्र में खतरों की निरंतर निगरानी और वास्तविक समय पर पहचान सुनिश्चित हुई.
कैरियर बैटल ग्रुप एक नौसेना बेड़ा होता है, जिसमें एक विमान वाहक पोत और उसके साथ कई अन्य जहाज शामिल होते हैं. मंत्रालय ने कहा कि सीबीजी ने एक शक्तिशाली वायु रक्षा कवच बनाए रखा, जिसने शत्रुतापूर्ण हवाई घुसपैठ को रोका विशेष रूप से मकरान तट से. बयान में कहा गया कि नौसेना के पायलटों ने चौबीसों घंटे उड़ानें भरीं, जिससे क्षेत्र में भारत की तत्परता और रणनीतिक पहुंच का पता चला.
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Published at : 19 May 2025 12:29 AM (IST)
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