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क्या होती है एंडोमेट्रियोसिस बीमारी? इस चीज पर करती है सबसे ज्यादा असर

एंडोमेट्रियोसिस की प्राॅब्लम जितनी जल्द डायग्नोज हो जाए, उतना इलाज आसाना हो सकता है. महिलाओं में इनफर्टिलिटी और पुराने दर्द जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है.

By : एबीपी लाइव | Edited By: Sonam | Updated at : 05 Jun 2025 05:54 PM (IST)

एंडोमेट्रियोसिस यूटरस (गर्भाशय) से जुड़ी एक गंभीर समस्या है. इस प्राॅब्लम में यूटरस की परत (एंडोमेट्रियम) के समान टिश्यू यूटरस के बाहर डेवलप होना शुरू हो जाते हैं. इन टिश्यू की परत यूटरस के साथ अन्य रिप्रोड​क्टिव ऑर्गन ओवरी, फैलोपियन ट्यूब जैसे पे​ल्विक ऑर्गन को प्रभावित करती है. ये ​स्थिति काफी पेनफुल होने के साथ महिलाओं के लिए गंभीर हो सकती है. इसमें मुख्य रूप से महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि किस तरह दिखते हैं इसके लक्षण और कैसे इस प्राॅब्लम से बचा जा सकता है...

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण

  • पेनफुल पीरियड्स: पीरियड्स के पहले और आ​खिरी दिनों में दर्द होना. इस दाैरान पेट के निचले हिस्से में भी दर्द महसूस होना.
  • शारीरिक संबंध के दाैरान दर्द: शारीरिक संबंध बनाने के दाैरान दर्द महसूस होना एंडोमेट्रियोसिस का सामान्य कारण है.
  • डाइ​जेशन प्राॅब्लम: एंडोमेट्रियोसिस के दाैरान डाइजेशन प्राॅब्लम भी देखने को मिलती है. इस दाैरान पेट में बाउल मूवमेंट डिस्टर्ब हो जाता है. पेशाब में भी दिक्कत महसूस होती है. पीरियड के दाैरान ये लक्षण एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है.
  • अ​धिक ब्लीडिंग होना: पीरियड्स के दौरान या बीच में अ​धिक ब्लीडिंग होना. ये गंभीर प्राॅब्लम की ओर इशारा करता है.
  • प्रेग्नेंसी में दिक्कत: एंडोमेट्रियोसिस से इनफर्टिलिटी की दिक्कत हो सकती है. कई केसेज में इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए किए गए टेस्ट के दाैरान इस समस्या का पता लगता है.
  • गैस्ट्रिक प्राॅब्लम:  एंडोमेट्रियोसिस के दाैरान गै​स्टि्रक प्राॅब्लम जैसे कब्ज, डायरिया, जी मचलना आदि देखने को मिल सकता है. ये लक्षण सामान्य रूप से मेंस्ट्रुअल साइकिल से पहले या दाैरान महसूस हो सकते हैं.
  • थकान: इस बीमारी में बाॅडी अ​धिक थकान महसूस करती है, जो सामान्य नहीं होती.

इस तरह कर सकते हैं बचाव

  • वजन को कंट्रोल रखें.
  • फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर डाइट का सेवन करें.
  • शराब और कैफीन दोनों ही हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं और शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं. इससे बचें या इन्हें सीमित करें.
  • यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) को एंडोमेट्रियोसिस के लिए हाई रिस्क माना गया है. सेफ इंटरकोर्स करने से एसटीआई के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है.

एंडोमेट्रियोसिस के शुरुआती इलाज

एंडोमेट्रियोसिस की प्राॅब्लम जितनी जल्द डायग्नोज हो जाए, उतना इलाज आसाना हो सकता है. महिलाओं में इनफर्टिलिटी और पुराने दर्द जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है. एंडोमेट्रियोसिस सिस्ट का पता लगाने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और एमआरआई जैसे स्कैन करते हैं. लैप्रोस्कोपी एक सर्जरी है जो आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा एंडोमेट्रियोसिस सिस्ट का पता लगाने और उसके इलाज के लिए की जाती है. मरीजों में बीमारी की गंभीरता के अनुसार डाॅक्टर उपचार के तरीकों में बदलाव भी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: पैंक्रियाज शरीर के लिए कितना जरूरी... बिना इस ऑर्गन के कैसे कटती है लाइफ, जान लें सबकुछ

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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Published at : 05 Jun 2025 05:54 PM (IST)

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