हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाछत्तीसगढ़ नान घोटाले में CBI का बड़ा एक्शन, 3 वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ केस दर्ज
सीबीआई के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पदस्थ कई अफसरों ने नागरिक आपूर्ति घोटाले की जांच को प्रभावित करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और ED तथा EOW-ACB की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की.
By : एबीपी लाइव | Edited By: संतोष सिंह | Updated at : 19 Apr 2025 11:36 PM (IST)
छत्तीसगढ़ नान घोटाले में CBI का बड़ा एक्शन
छत्तीसगढ़ नान घोटाले में सीबीआई ने नए सिरे से मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने छत्तीसगढ़ के तीन वरिष्ठ अफसरों पर FIR दर्ज की है, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग के तत्कालीन सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, तत्कालीन संयुक्त सचिव अनिल टूटेजा और तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा शामिल हैं. इन तीनों पर घोटाले की जांच प्रभावित करने का आरोप है.
सीबीआई ने तीनों अफसरों पर सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों पर दबाव बनाने के आरोप भी FIR में लगाए हैं. इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा के घर और एक अन्य ठिकाने पर छापेमार कार्रवाई कर अहम दस्तावेज बरामद किए थे.
रेड में जांच को प्रभावित करने के मिले सबूत
सूत्रों के मुताबिक अब सीबीआई नए सिरे से पूरे मामले की जांच कर रही है, जिसमें कई अफसरों पर अपने पद का दुरुपयोग कर जांच को प्रभावित करने के आरोप सामने आए हैं. सीबीआई के मुताबिक इस मामले में और भी कई नाम जोड़ सकते हैं. जिन अधिकारी और कर्मचारियों ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है उनकी भूमिका भी अब जांच के दायरे में है.
ED की जांच प्रभावित करने की कोशिश
सीबीआई के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पदस्थ कई अफसरों ने नागरिक आपूर्ति घोटाले की जांच को प्रभावित करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और ED तथा EOW-ACB की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की. छापे में सीबीआई को इस संबंध में कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. वहीं, आयकर विभाग ने जो डिजिटल सबूतों को जब्त किया है उसमें भी जांच को कमजोर करने के अहम एविडेन्स मिले हैं.
सीबीआई की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि नान घोटाले में लिप्त अधिकारियों ने तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को भी अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की थी. इसके साथ ही इन अधिकारियों ने राज्य आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों को भी सबूत में हेर फेर करने के लिए राजी किया था. इतना ही नहीं इन अधिकारियों ने अपने लिए अग्रिम जमानत की भी कोशिश की थी.
जानिए क्या है नान घोटाला
छत्तीसगढ़ में नान घोटाला साल 2015 में सामने आया था जब EOW- ACB ने राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने वाली नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम के करीब 25 परिसरों में एक साथ छापेमारी की. छापे के दौरान एकत्रित किए गए चावल और नमक के कई सैम्पलों की जांच की गई थी, जांच में सभी सैंपल मानव उपयोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए थे. साथ ही छापे में करीब 3 करोड़ 64 लाख रुपये भी नकद बरामद किए गए थे.
(विनीत पाठक की रिपोर्ट)
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Published at : 19 Apr 2025 11:35 PM (IST)
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