डिफेंस शेयर के दम पर कई यूरोपीयन इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर दिख रहे हैं। Rheinmetall, Leonardo, BAE Systems रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा Thales और Dassault Aviation में भी 15 फीसदी की तेजी है
Defense stocks : डिफेंस और रेलवे शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। करीब तीन फीसदी की उछाल के साथ BEL निफ्टी का टॉप गेनर बना है। साथ ही BDL, HAL और GRSE में 3 से 9 फीसदी का उछाल आया है। एनएसई पर चार सत्रों की गिरावट के बाद GRSE के शेयर में आज 9.61 फीसदी की तेजी आई और यह 1,331.05 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। HAL के शेयर में 4.49 फीसदी की तेजी आई और यह 3,330 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और कोचीन शिपयार्ड में क्रमश: 5.52 फीसदी और 7.4 फीसदी की तेजी आई, जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज में इंट्राडे ट्रेड में 3 फसीदी तक की तेजी आई।
भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच डिफेंस सहयोग बढ़ने से डिफेंस शेयरों में जोश आया है। भारत-EU सहयोग डिफेंस कंपनियों के लिए पॉजिटिव है। इससे भारतीय डिफेंस प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। EU डिफेंस से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि भारतीय डिफेंस सेक्टर EU की सप्लाई चेन सुधार सकता है। EU प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) का कहना है कि वे सिक्योरिटी, डिफेंस पार्टनरशिप की संभावना तलाश रहे हैं। भारत ने EU के परमानेंट स्ट्रक्टर्ड को-ऑपरेशन प्रोग्राम के लिए दिलचस्पी दिखाई है।
भारत का डिफेंस सेक्टर
भारत के डिफेंस सेक्टर पर नजर डालें तो इस साल डिफेंस उत्पादन 1.75 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के पार जाने की उम्मीद है। भारत अभी 100 देशों को डिफेंस प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर रहा है। डिफेंस सेक्टर का लक्ष्य 2029 तक डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपए करने का है। साथ ही डिफेंस उत्पादन 3 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य है।
EU डिफेंस शेयर दौड़े
डिफेंस शेयर के दम पर कई यूरोपीयन इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर दिख रहे हैं। Rheinmetall, Leonardo, BAE Systems रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा Thales और Dassault Aviation में भी 15 फीसदी की तेजी है। घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी ने डिफेंस फंड शुरू किया है।
यूरोपीय में डिफेंस शेयरों की रैली की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यूरोपीय सुरक्षा की गारंटी देने से इनकार करने के बाद हुई। अमेरिका के इस रुख के चलते यूरोपीय नेताओं को अपनी डिफेंल रणनीतियों और डिफेंस के लिए पैसे जुटाने पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
यूक्रेन के मामले में यूरोप और अमेरिका की राह अगल होने की आशंका के चलते यूरोपीय देश अपने डिफेंस उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। इसके चलते आज भारतीय डिफेंस शेयरों में भी तेजी आई है।
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