20 साल से अधिक समय में ऐसा पहली बार हुआ है जब बाजार में गिरावट के समय रक्षात्मक क्षेत्रों के शेयर भी खूब पिटे हैं।
Last Updated- March 05, 2025 | 11:30 PM IST
बाजार में लगातार हो रही बिकवाली में आम तौर पर सुरक्षित माने वाले एफएमसीजी, आईटी और फार्मा क्षेत्र के शेयर भी निवेशकों को राहत नहीं दिला पा रहे हैं। बाजार में व्यापक गिरावट के दौर में इन तीनों क्षेत्रों का प्रदर्शन भी कमजोर रहा है, जिससे निफ्टी 50 सूचकांक में इनका भार भी घट गया है। रक्षात्मक माने जाने वाले इन तीन क्षेत्रों का निफ्टी 50 में कुल भार घटकर 25.3 फीसदी रह गया है जो 15 साल में सबसे कम है। पिछले साल मार्च के अंत में इन भार 27.4 फीसदी और मार्च 2014 में 37.6 फीसदी था। इससे पहले मार्च 2010 में इन क्षेत्र का सूचकांक में भार 22.4 फीसदी के सबसे निचले स्तर पर था।
एफएमसीजी क्षेत्र का भार मार्च 2024 की तुलना में 160 आधार अंक कम होकर 9.5 फीसदी रह गया है। इसी तरह फार्मा क्षेत्र का भार 70 आधार अंक घटकर 3.1 फीसदी रह गया है। आईटी सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है और सूचकांक में इसका भार 20 आधार अंक बढ़कर 12.7 फीसदी हो गया है। 2025 की शुरुआत से इन तीनों क्षेत्रों का प्रदर्शन व्यापक बाजार की तुलना में कमजोर रहा है। निफ्टी फार्मा सूचकांक 2025 में अभी तक 14 फीसदी नीचे आ चुका है। निफ्टी आईटी 12.1 फीसदी और निफ्टी एफएमसीजी में 9.7 फीसदी की गिरावट आई है। इस साल अभी तक निफ्टी 5.5 फीसदी नीचे आया है।
रक्षात्मक माने जाने क्षेत्र का भार घटने का फायदा बैंक, वित्त और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों को मिला है। निफ्टी 50 में पिछले एक साल में बीएफएसआई का भार 480 आधार अंक बढ़कर 35.4 फीसदी हो गया है। 20 साल से
अधिक समय में ऐसा पहली बार हुआ है जब बाजार में गिरावट के समय रक्षात्मक क्षेत्रों के शेयर भी खूब पिटे हैं। अक्सर रक्षात्मक क्षेत्र गिरते बाजार में बेहतर प्रदर्शन करता है और उन निवेशकों के लिए सुरक्षित माना जाता है जो बैंकिंग एवं वित्त, खनन एवं धातु, पूंजीगत सामान और वाहन जैसे चक्रीय क्षेत्रों में तेज गिरावट से अपनी पूंजी को सुरक्षित करना चाहते हैं।
जब बाजार में तेजी रहती है तो चक्रीय क्षेत्रों के शेयर फर्राटा भरते हैं। उदाहरण के लिए रक्षात्मक क्षेत्र कोविड-19 के समय बिकवाली के समय भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहा था। मार्च 2019 से मार्च 2020 के बीच इस क्षेत्र का सूचकांक में भार 500 आधार अंक बढ़ा था जबकि निफ्टी 50 में उस दौरान 26 फीसदी की गिरावट आई थी। इसी तरह यूरो-संकट के कारण 2012 में हुई बिकवाली और 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के समय आई गिरावट में भी इस क्षेत्र का प्रदर्शन समग्र बाजार से बेहतर रहा था। वित्त वर्ष 2012 में इस क्षेत्र का सूचकांक में भार 220 आधार अंक बढ़ा था जबकि निफ्टी में 9.2 फीसदी की गिरावट आई थी। वित्त वर्ष 2009 में रक्षात्मक क्षेत्र का भार 600 आधार अंक बढ़ा था जबकि बेंचमार्क सूचकांक में 36.2 फीसदी की गिरावट आई थी।
रक्षात्मक क्षेत्रों और शेयर बाजार के बीच यह विपरीत चक्रीय संबंध अब टूट गया लगता है और यह क्षेत्र उसी तरह व्यवहार कर रहा हैं जैसा 2000 से 2003 के मंदी के दौरान किया था। मार्च 2000 से मार्च 2003 के बीच सूचकांक में इस क्षेत्र का भार 420 आधार अंक घटा था जबकि उस दौरान निफ्टी 50 में 36 फीसदी की गिरावट आई थी।
विश्लेषकों का कहना है कि रक्षात्मक शेयरों का यह असामान्य व्यवहार बताता है कि शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट पिछली गिरावटों से अलग है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं सीईओ जी चोकालिंगम ने कहा, ‘रक्षात्मक शेयरों का खराब प्रदर्शन बताता है कि एफएमसीजी और आईटी क्षेत्र में अब एक अंक की आय वृद्धि के साथ उनके मार्जिन पर दबाव है। निर्यातोन्मुख फार्मा क्षेत्र को ट्रंप के शुल्क से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।’ बीते समय में व्यापक तौर पर वैश्विक कारणों से विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में गिरावट आई थी।
First Published - March 5, 2025 | 11:04 PM IST
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