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पांच में से तीन कैंसर मरीज की इलाज के दौरान ही हो जाती है मौत, रिसर्च में हुआ खुलासा

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भारत में कैंसर के इलाज के बाद या दौरान पांच में से तीन लोगों की मौत हो जाती हैं. लिंग और आयु के आधार पर कैंसर के रुझानों के पहले व्यापक विश्लेषण से यह चेतावनी मिलती है.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 24 Feb 2025 10:19 PM (IST)

भारत में कैंसर के इलाज के बाद या दौरान पांच में से तीन लोगों की मौत हो जाती हैं. लिंग और आयु के आधार पर कैंसर के रुझानों के पहले व्यापक विश्लेषण से यह चेतावनी मिलती है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी नामक एक पहल के अनुमानों का उपयोग करके गणना की है कि देश में (समय से पहले) मृत्यु दर का प्रतिशत 64.8 प्रतिशत है.

रिसर्च से यह भी पता चला है कि महिलाओं पर कैंसर से होने वाली मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है. जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतें (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच) पुरुषों (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत के बीच) की तुलना में “खतरनाक रूप से” तेज़ी से बढ़ रही हैं.

रिसर्च से यह भी पता चला है कि महिलाओं पर कैंसर से होने वाली मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है. जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतें (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच) पुरुषों (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत के बीच) की तुलना में “खतरनाक रूप से” तेज़ी से बढ़ रही हैं.

इस रिसर्च से यह भी पता चला है कि महिलाओं पर कैंसर से होने वाली मृत्यु दर का बोझ बहुत ज़्यादा है. जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतें पुरुषों (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत के बीच) की तुलना में

इस रिसर्च से यह भी पता चला है कि महिलाओं पर कैंसर से होने वाली मृत्यु दर का बोझ बहुत ज़्यादा है. जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतें पुरुषों (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत के बीच) की तुलना में "खतरनाक" तेज़ी से बढ़ रही हैं (प्रति वर्ष 1.2 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच).

डॉक्टर भारत में कैंसर से होने वाली उच्च मृत्यु दर के लिए कई कारकों को ज़िम्मेदार मानते हैं. जिसमें देर से निदान और समय पर उचित उपचार तक पहुंचने की चुनौतियां शामिल हैं.

डॉक्टर भारत में कैंसर से होने वाली उच्च मृत्यु दर के लिए कई कारकों को ज़िम्मेदार मानते हैं. जिसमें देर से निदान और समय पर उचित उपचार तक पहुंचने की चुनौतियां शामिल हैं.

ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कैंसर से होने वाली असामयिक मौतों की अनुमानित संख्या वर्ष 2000 में 490,000 से 2022 में 87 प्रतिशत बढ़कर 917,000 हो गई है. यह कैंसर पर शोध के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पहल है. जिसने 185 देशों से कैंसर के आंकड़े एकत्र किए हैं.

ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कैंसर से होने वाली असामयिक मौतों की अनुमानित संख्या वर्ष 2000 में 490,000 से 2022 में 87 प्रतिशत बढ़कर 917,000 हो गई है. यह कैंसर पर शोध के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पहल है. जिसने 185 देशों से कैंसर के आंकड़े एकत्र किए हैं.

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक प्रचलित कैंसर बना हुआ है. जो सभी नए मामलों में 13.8 प्रतिशत का योगदान देता है, इसके बाद मौखिक (10.3 प्रतिशत), गर्भाशय ग्रीवा (9.2 प्रतिशत), श्वसन (5.8 प्रतिशत), ग्रासनली (5 प्रतिशत) और कोलोरेक्टल (5 प्रतिशत) का स्थान आता है.

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक प्रचलित कैंसर बना हुआ है. जो सभी नए मामलों में 13.8 प्रतिशत का योगदान देता है, इसके बाद मौखिक (10.3 प्रतिशत), गर्भाशय ग्रीवा (9.2 प्रतिशत), श्वसन (5.8 प्रतिशत), ग्रासनली (5 प्रतिशत) और कोलोरेक्टल (5 प्रतिशत) का स्थान आता है.

पुरुषों में मौखिक कैंसर सबसे अधिक प्रचलित है. जो सभी नए मामलों में 15.6 प्रतिशत का योगदान देता है, इसके बाद श्वसन (8.5 प्रतिशत), ग्रासनली (6.6 प्रतिशत) और कोलोरेक्टल (6.3 प्रतिशत) का स्थान आता है.

पुरुषों में मौखिक कैंसर सबसे अधिक प्रचलित है. जो सभी नए मामलों में 15.6 प्रतिशत का योगदान देता है, इसके बाद श्वसन (8.5 प्रतिशत), ग्रासनली (6.6 प्रतिशत) और कोलोरेक्टल (6.3 प्रतिशत) का स्थान आता है.

Published at : 24 Feb 2025 10:18 PM (IST)

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