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फाइनेंशियल मार्केट्स के ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइम में बदलाव चाहता है RBI, जानिए इसके फायदें

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) ऑक्शंस को भी जल्द यानी सुबह 9:30 बजे शुरू करने की सलाह दी गई है।

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फाइनेंशियल मार्केट्स की ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग में बदलाव की सलाह दी है। इसमें कॉल मनी मार्केट के लिए वक्त बढ़ाने की सलाह भी शामिल है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में 2 मई को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है। दरअसल, आरबीआई ग्लोबल ट्रेंड्स को देखते हुए मनी मार्केट, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स और फॉरेन एक्सचेंज की टाइमिंग में बदलाव करना चाहता है। इसके लिए आरबीआई के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राधा श्याम राठो के नेतृत्व में एक वर्किंग ग्रुप बनाया गया था। इसने इस बारे में स्टडी की है।

बढ़ती डिमांड को पूरी करने में मिलेगी मदद

सवाल है कि यह बदलाव मार्केट्स के लिए कितना फायदेमंद है? इस बदलाव से बैंकों, इनवेस्टर्स और दूसरे मार्केट पार्टिसिपेंट्स को ट्रेड और डील के सेटलमेंट के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा। इससे मार्केट को बढ़ती डिमांड को पूरी करने में आसानी होगी। इससे इंडियन बॉन्ड्स मार्केट में विदेशी निवेश भी बढ़ेगा।

मनी मार्केट का मतलब क्या है?

मनी मार्केट में बैंक थोड़े समय के लिए उधार देते हैं और लेते हैं। आरबीआई की रिपोर्ट में कॉल मनी मार्केट के समय को शाम 5 से बढ़ाकर शाम 7 बजे तक करने की सलाह दी गई है। इससे बैंकों को कैश की अपनी जरूरत को मैनेज करने के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा। खासकर तबक जब पहले से 24X7 पेमेंट सिस्टम उपलब्ध है। इससे बैंक बेहतर तरीके से रियल टाइम ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। इससे अंतिम वक्त में अफरातफरी की स्थिति पैदा नहीं होगी।

रेपो ट्रांजेक्शन का समय बढ़ाने का फायदा

आरबीआई की रिपोर्ट में मार्केट रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) डील्स के लिए भी समय को बढ़ाकर शाम 4 बजे तक करने की सिफारिश की गई है। इस डील के तहत बैंक सिक्योरिटीज गिरवी (collateral) रखकर कर्ज लेते हैं। ऐसे डील के सेटलमेंट के लिए टाइम 5:30 से बढ़ाकर शाम 6:30 बजे तक करने की सिफारिश की गई है। आम तौर पर रेपो ट्रांजेक्शन शाम 4:30 से 5:30 के बीच T+0 बेसिस पर होता है।

LAF ऑक्शंस सुबह 9:30 बजे शुरू करने की सलाह

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) ऑक्शंस को भी जल्द यानी सुबह 9:30 बजे शुरू करने की सलाह दी गई है। इससे बैंक फंड का मैनेजमेंट जल्द शुरू कर सकेंगे। गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के लिए समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक तय है। लेकिन फॉरेन इनवेस्टर्स जैसे नॉन-रेजिडेंट्स के लिए समय रात 11:30 बजे तक है। इस ट्रेड की रिपोर्टिंग अगले दिन सुबह होगी और दो दिन बाद उनका सेटलमेंट होगा। इससे विदेशी निवेशकों को इंडियन बॉन्ड्स में निवेश करने में आसानी होगी।

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बॉन्ड्स मार्केट में बढ़ेगा विदेशी निवेश

इससे इंडियन बॉन्ड्स में ज्यादा विदेशी निवेश होगा जिससे लिक्विडिटी बढ़ेगी। हालांकि, इसके लिए बैंकों को लेट नाइट रिपोर्टिंग के लिए सिस्टम तैयार करना होगा। गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के लिए सेटलमेंट विंडो शाम 5:30 बजे की जगह 6:30 बजे तक होगा। इससे रेपो मार्केट्स के साथ बेहतर कोऑर्डिनेशन हो सकेगा। फॉरेन एक्सचेंज और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा। इनके मौजूदा समय और सेटलमेंट प्रोसेस को संतोषप्रद माना गया है।

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