हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलफैक्ट या मिथ...क्या एक साथ रह रही लड़कियों की पीरियड साइकिल भी हो जाती है एक? क्या कहता है साइंस
लंबे समय तक साथ रहने वाली महिलाओं का पीरियड एक जैसा हो जाना एक आम धारणा है, लेकिन विज्ञान अब तक इसे साबित नहीं कर पाया है. नई रिसर्च के अनुसार यह केवल एक संयोग हो सकता है, न कि जैविक वास्तविकता.
By : एबीपी लाइव | Edited By: कविता गाद्री | Updated at : 07 Jun 2025 09:02 PM (IST)
पीरियड सिंक्रोनाइजेशन
Source : pexels
कई महिलाओं की यह एक आम धारणा होती है कि अगर वह लंबे समय तक वह अपनी दोस्त के साथ हॉस्टल, पीजी या फ्लैट में रहती है तो उनका पीरियड साइकिल एक जैसा हो जाता है. हालांकि यह महिलाओं का कहना होता है, लेकिन इसे लेकर सांइस में कई अन्य बातें भी जुड़ी हुई हैं.
साइकिल एक जैसी होने को पीरियड सिंक्रोनाइजेशन या मेंस्ट्रुअल सिंक्रोनी कहा जाता है
अगर महिलाओं का पीरियड साइकिल एक जैसा होता है तो इसे पीरियड सिंक्रोनाइजेशन या मेंस्ट्रुअल सिंक्रोनी भी कहा जाता है, फिर भी इसे लेकर अक्सर सवाल उठते आए हैं कि यह सिर्फ एक मिथक होता है या फिर पीरियड साइकिल एक जैसा होना एक सच होता है.
क्या होता है पीरियड सिंक्रोनाइजेशन
पीरियड सिंक्रोनाइजेशन को भी McClintock Effect कहा जाता है. इसे लेकर भी कई रिसर्च में बताया जाता है कि जब भी दो या उससे ज्यादा महिलाएं ज्यादा समय तक आपस में संपर्क में आती है तो उनके शरीर से निकलने वाले फोरोमाेंस एक दूसरे को प्रभावित करते हैं. जिसके बाद कुछ समय बाद साथ रह रही महिलाओं का पीरियड साइकिल एक जैसा होने लगता है.
McClintock Effect को लेकर 1971 में हुई थी रिसर्च
1971 में McClintock नाम की हुई रिसर्च में पीरियड साइकिल की इस धारणा को वैज्ञानिकों ने जांचा था, इस पर वैज्ञानिकों ने हॉस्टल में रहने वाली लगभग 100 से ज्यादा छात्राओं पर रिसर्च किया था जिसमें पाया गया था कि उन छात्राओं का पीरियड साइकिल समान होने लगा था. हालांकि बताया जाता है कि यह रिसर्च सिर्फ पीरियड शुरू होने की डेट के अनुसार था न कि ओव्यूलेशन जैसे दूसरे फैक्टर्स पर
पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स ने McClintock रिसर्च पर सवाल खड़े किए
आजकल कई पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स आ गए हैं, जिसकी मदद से आसानी से महिलाओं के पीरियड्स को ट्रैक किया जा सकता है. हालांकि इन ऐप्स ने McClintock पर सवाल भी खड़े किए हैं. दरअसल, 2006 में चीन में हुए एक रिसर्च में पाया गया था कि पीरियड साइकिल एक होना बस एक गणितीय संयोग हो सकता है. इस रिसर्च में बताया गया था कि महिलाओं में पीरियड साइकिल असल में एक सिंक नहीं होता है.
ऑक्सफोर्ड की रिसर्च में भी पाया गया महिलाओं का पीरियड साइकिल सिंक नहीं होता
महिलाओं में पीरियड साइकिल एक जैसे होने को लेकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी एक रिसर्च की गई थी. वहीं यह रिसर्च 1000 से भी ज्यादा महिलाओं पर की गई थी, जिसमें पाया गया था कि एक या एक से ज्यादा महिलाओं के एक साथ रहने से उनका पीरियड साइकिल एक जैसा नहीं होता है.
महिलाओं के साथ रहने से पीरियड सिंक्रोनी का हो सकता है अनुभव
2017 में हुई पीरियड साइकिल को लेकर एक और रिसर्च में पाया गया कि 44 प्रतिशत तक महिलाएं जो साथ रहती है या रहती थीं उन्हाेंने पीरियड सिंक्रोनी का अनुभव किया है .
अभी तक साबित नहीं हो पाया महिलाओं का पीरियड साइकिल
इतनी सारी रिसर्च आने के बाद भी महिलाओं के पीरियड सिंक्रोनाइजेशन को पूरी तरह से साबित नहीं किया गया है. हालांकि इसके पीछे कई कारण माने जाते हैं. जैसे सभी महिलाओं के पीरियड का समय एक जैसा नहीं होता है. कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग 2 से 3 दिन होती है तो कुछ महिलाओं को 7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है.
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Published at : 07 Jun 2025 09:02 PM (IST)
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