हिंदी न्यूज़बिजनेसबाजार में 2.5 लाख करोड़ की आएगी नकदी, 6.5% रहेगा 2026 में ग्रोथ, 3.7% पर घटकर आ सकती है खुदरा महंगाई
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेप रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए एक तरफ जहां वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई दर घटकर 3.7 प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Updated at : 06 Jun 2025 01:35 PM (IST)
वित्त वर्ष 2026 में 6.5% रहेगा जीडीपी ग्रोथ, महंगाई दर 3.7 फीसदी पर घटकर आने का RBI का अनुमान
RBI Projections Of GDP Growth: आरबीआई ने रेपो रेट को घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है. इसके साथ ही, सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेशियो को भी 1 प्रतिशत कम कर दिया गया है. पहले ये चार प्रतिशत था. ऐसे में इसकी कटौती चार हिस्से में की जाएगी- 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, एक नवंबर और 29 नवंबर. ऐसा माना जा रहा है कि इससे बैंकिंग सिस्टम में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आ जाएगी. इसका असर ये होगा कि बैंक ज्यादा लोन दे पाएंग और उनकी लोन लागत भी कम हो जाएगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समिति की 4 से से चली दो दिवसीय बैठक खत्म होने के बाद शुक्रवार यानी 6 जून को गवर्नर संजय मल्होत्रा ने महंगाई और देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई. इसमें उन्होंने एक तरफ जहां वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई दर घटकर 3.7 प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया. उन्होंने कहा कि देश की महंगाई दर आरबीआई के स्टैंडर्ड से काफी नीचे आ गई है.
उन्होंने कहा कि 2024 के अक्टूबर में महंगाई दर 6 प्रतिशत के ऊपर थी, लेकिन 2025 के अप्रैल में अब ये घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ गई है. इस लिहाज से अगले वित्त वर्ष में इसके और कम होने की उम्मीद है.
जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश की जीडीपी वित्त वर्ष 2025026 के पहले क्वार्टर के दौरान 6.5 प्रतिशत, दूसरे क्वार्टर के दौरान 6.7 प्रतिशत, तीसरे क्वार्टर के दौरान 6.6 प्रतिशत और चौथे क्वार्टर में इसके 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. आरबीआई गवर्र ने आगे कहा कि निवेश और निजी खपत को बढ़ावा देने के लिए ये कदम आवश्यक है, ताकि देश की आर्थिक विकास की रफ्तार बरकरार रहे.
निवेशकों के लिए मुफीद जगह
संजय मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है. उन्होंने विदेशी निवेशकों की तरफ से पैसा वापस भेजने के मामले में इजाफा को बाजार का एक परिपक्व संकेत बताते हुए कहा कि ये दर्शाता है कि कैसे एक विदेशी निवेशक भारत में आसानी से एंट्री कर सकते हैं या फिर बाहर निकल सकते हैं.
उन्होंने कहा कि एफडीआई प्रवाह मजबूत बना हुआ है. ये वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 14% बढ़कर 81 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले साल 71.3 अरब डॉलर था.
आरबीआई गवर्नर ने यs भी कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में व्यापार घाटे में कमी के साथ-साथ मजबूत सेवा निर्यात और बाहर से भेजे जाने वाली राशि के साथ, 2024-25 के लिए चालू खाते का घाटा (कैड) कम रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापार तनाव के बावजूद, अप्रैल, 2025 में भारत का वस्तु व्यापार मजबूत बना रहा.
Published at : 06 Jun 2025 12:54 PM (IST)
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