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बैग उठाइए और अकेले घूमने निकल जाइए, साइकोलॉजिस्ट से जानें सोलो ट्रैवल के 10 फायदे

अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आप पूरी लाइफ फिट रह सकते हैं. यह फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाता है. इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा टल सकता है.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 06 Mar 2025 06:07 PM (IST)

अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आप पूरी लाइफ फिट रह सकते हैं. यह फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाता है. इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा टल सकता है.

हम सभी अक्सर ही कहीं न कहीं घूमने जाते हैं. किसी को पहाड़ों पर जाना, तो किसी को समंदर किनारे बैठकर प्रकृति को करीब से देखने का मन करता है लेकिन काम का प्रेशर और जिम्मेदारियों में ऐसा नहीं कर पाते हैं.

सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां, 'जिंदगी गर रही तो ये जवानी फिर कहां।।'...ख्वाजा मीर दर्द का यह शेर ट्रैवलिंग यानी घूमने की अहमियत बखूबी बयां करता है. हम सभी अक्सर ही कहीं न कहीं घूमने जाते हैं. किसी को पहाड़ों पर जाना, तो किसी को समंदर किनारे बैठकर प्रकृति को करीब से देखने का मन करता है लेकिन काम का प्रेशर और जिम्मेदारियों में ऐसा नहीं कर पाते हैं.

सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां, 'जिंदगी गर रही तो ये जवानी फिर कहां।।'...ख्वाजा मीर दर्द का यह शेर ट्रैवलिंग यानी घूमने की अहमियत बखूबी बयां करता है. हम सभी अक्सर ही कहीं न कहीं घूमने जाते हैं. किसी को पहाड़ों पर जाना, तो किसी को समंदर किनारे बैठकर प्रकृति को करीब से देखने का मन करता है लेकिन काम का प्रेशर और जिम्मेदारियों में ऐसा नहीं कर पाते हैं.

यही कारण है कि आजकल ट्रैवलिंग सिर्फ मस्ती-मजाकऔर एंटरटेनमेंट का जरिया बन गया है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इससे सेहत एकदम चुस्त-दुरुस्त रहती है. घूमने, नई-नई जगहों पर जाने से न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग को भी काफी फायदा मिलता है. आइए जानते हैं ट्रैवलिंग के क्या-क्या फायदे हैं...

यही कारण है कि आजकल ट्रैवलिंग सिर्फ मस्ती-मजाकऔर एंटरटेनमेंट का जरिया बन गया है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इससे सेहत एकदम चुस्त-दुरुस्त रहती है. घूमने, नई-नई जगहों पर जाने से न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग को भी काफी फायदा मिलता है. आइए जानते हैं ट्रैवलिंग के क्या-क्या फायदे हैं...

 अगर आप ट्रैवलिंग (Traveling) करते हैं तो कभी स्ट्रेस नहीं होगा. नए-नए डेस्टिनेशंस पर जाने से दिमाग रिलैक्स होता है और उसे शांति मिलती है. इससे एंग्जाइटी भी कम होती है. ट्रैवलिंग से डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन का लेवल बढ़ता है, जिससे इंसान ज्यादा खुशमिजाज और एनर्जेटिक रहता है.

मेंटल स्ट्रेस होगा गायब : अगर आप ट्रैवलिंग (Traveling) करते हैं तो कभी स्ट्रेस नहीं होगा. नए-नए डेस्टिनेशंस पर जाने से दिमाग रिलैक्स होता है और उसे शांति मिलती है. इससे एंग्जाइटी भी कम होती है. ट्रैवलिंग से डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन का लेवल बढ़ता है, जिससे इंसान ज्यादा खुशमिजाज और एनर्जेटिक रहता है.

 ट्रैवलिंग में काफी चलना पड़ता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. पहाड़ों पर ट्रेकिंग, समुद्र किनारे वॉक करना या शहर में घूमना दिल और फेफड़ों को मजबूत बनाता है. इससे हार्ट डिजीज और मोटापे का खतरा कम हो सकता है.

सेहतमंद बनते हैं : ट्रैवलिंग में काफी चलना पड़ता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. पहाड़ों पर ट्रेकिंग, समुद्र किनारे वॉक करना या शहर में घूमना दिल और फेफड़ों को मजबूत बनाता है. इससे हार्ट डिजीज और मोटापे का खतरा कम हो सकता है.

 अलग-अलग जगहों पर घूमने जाते हैं, तो शरीर अलग-अलग वातावरण और बैक्टीरिया के संपर्क में आता है. जिससे इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनता है, जो रोगों से बचाता है. इससे शरीर बीमार नहीं पड़ता है.

इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनेगा: अलग-अलग जगहों पर घूमने जाते हैं, तो शरीर अलग-अलग वातावरण और बैक्टीरिया के संपर्क में आता है. जिससे इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनता है, जो रोगों से बचाता है. इससे शरीर बीमार नहीं पड़ता है.

 प्रकृति के करीब होने से इंसान टेंशन फ्री रहते हैं. इससे नींद की क्वालिटी सुधरती है. ट्रैवलिंग नींद की बीमारियों से बचाने में मदद करता है. इससे अनिद्रा (insomnia) और अन्य मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिल सकता है.

अच्छी नींद लगती है: प्रकृति के करीब होने से इंसान टेंशन फ्री रहते हैं. इससे नींद की क्वालिटी सुधरती है. ट्रैवलिंग नींद की बीमारियों से बचाने में मदद करता है. इससे अनिद्रा (insomnia) और अन्य मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिल सकता है.

क्रिएटिविटी बढ़ती है, कॉन्फिडेंस बढ़ता है नई जगहें घूमने जाते हैं, तो दिमाग की सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है. इससे आप अलग-अलग संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं के बारें में जानकारी मिलती है, जो ज्यादा क्रिएटिव बनाता है. कई रिसर्च में भी यह बात साबित हुई है कि ट्रैवलिंग ब्रेन की एफिशिएंसी बढ़ाने में मदद करता है. इससे नई चीजें सीखने का मौका मिलता है, कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होती है और कॉन्फिडेंस बढ़ता है.

क्रिएटिविटी बढ़ती है, कॉन्फिडेंस बढ़ता है नई जगहें घूमने जाते हैं, तो दिमाग की सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है. इससे आप अलग-अलग संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं के बारें में जानकारी मिलती है, जो ज्यादा क्रिएटिव बनाता है. कई रिसर्च में भी यह बात साबित हुई है कि ट्रैवलिंग ब्रेन की एफिशिएंसी बढ़ाने में मदद करता है. इससे नई चीजें सीखने का मौका मिलता है, कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होती है और कॉन्फिडेंस बढ़ता है.

Published at : 06 Mar 2025 06:07 PM (IST)

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अनमोल कौंडिल्य

अनमोल कौंडिल्यअंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार

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