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बॉडी कर रही ये 5 इशारे तो जान लें नींद की कमी से जूझ रहे आप, जानें ऐसा होना कितना खतरनाक?

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नींद हमारी डेली लाइफ का अहम हिस्सा है. जिस तरह हमारे शरीर को एनर्जी के लिए फूड की जरूरत होती है, उसी तरह नींद आवश्यक है. कई बार शरीर नींद के लिए जूझता है.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 16 Jun 2025 06:21 PM (IST)

नींद हमारी डेली लाइफ का अहम हिस्सा है. जिस तरह हमारे शरीर को एनर्जी के लिए फूड की जरूरत होती है, उसी तरह नींद आवश्यक है. कई बार शरीर नींद के लिए जूझता है.

अक्सर हम नींद की कमी को इग्नोर कर देते हैं. लगातार इसकी अनदेखी करने से कई हेल्थ इश्यू का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि कब ये समझ लेना चाहिए कि शरीर नींद की कमी से जूझ रहा है. आइए इस बारे में जानते हैं.

रात को सोने में मु​श्किल का सामना करना पड़ता. घंटों आंखें बंद कर बेड पड़े रहना, लेकिन नींद नहीं आना. अगर नींद आ भी जाए तो रात में बार-बार उठना, यानी बाॅडी में कुछ गड़बड़ है. अगर ऐसी ​स्थिति बनी रहती है तो ये बाॅडी के इनसोम्निया, एंक्जाइटी या डिप्रेशन से जूझने का संकेत हो सकता है.

रात को सोने में मु​श्किल का सामना करना पड़ता. घंटों आंखें बंद कर बेड पड़े रहना, लेकिन नींद नहीं आना. अगर नींद आ भी जाए तो रात में बार-बार उठना, यानी बाॅडी में कुछ गड़बड़ है. अगर ऐसी ​स्थिति बनी रहती है तो ये बाॅडी के इनसोम्निया, एंक्जाइटी या डिप्रेशन से जूझने का संकेत हो सकता है.

अगर शरीर में लगातार थकान महसूस हो रही है. थकान की ये क्राॅनिक ​स्थिति प्राॅपर नींद नहीं आने के कारण हो सकती. हो सकता है कि इस दाैरान बाॅडी स्लीप डिसऑर्डर स्लीप ​एपनिया या नार्कोलेप्सी से जूझ रही हो. इसको इग्नोर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से मुसीबत बढ़ सकती है.

अगर शरीर में लगातार थकान महसूस हो रही है. थकान की ये क्राॅनिक ​स्थिति प्राॅपर नींद नहीं आने के कारण हो सकती. हो सकता है कि इस दाैरान बाॅडी स्लीप डिसऑर्डर स्लीप ​एपनिया या नार्कोलेप्सी से जूझ रही हो. इसको इग्नोर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से मुसीबत बढ़ सकती है.

नींद का असर सिर्फ हमारी फिजिकल ए​क्टिविटी पर ही नहीं पड़ता, ब​ल्कि ये हमारी ब्रेन हेल्थ को भी प्रभावित करता है. ब्रेन ​थका हुआ महसूस करता है. जिसके चलते किसी भी चीज पर कंसंट्रेशन करने में दिक्कत महसूस होती है.

नींद का असर सिर्फ हमारी फिजिकल ए​क्टिविटी पर ही नहीं पड़ता, ब​ल्कि ये हमारी ब्रेन हेल्थ को भी प्रभावित करता है. ब्रेन ​थका हुआ महसूस करता है. जिसके चलते किसी भी चीज पर कंसंट्रेशन करने में दिक्कत महसूस होती है.

नींद नहीं आने का असर हमारे निर्णय पर भी देखने को मिलता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्रेन हेल्थ प्रभावित होने से हमारे डिसीजन गड़बड़ाने लगते हैं. खासताैर से वर्कप्लेस पर इस चुनाैती का सामना करना पड़ता है.

नींद नहीं आने का असर हमारे निर्णय पर भी देखने को मिलता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्रेन हेल्थ प्रभावित होने से हमारे डिसीजन गड़बड़ाने लगते हैं. खासताैर से वर्कप्लेस पर इस चुनाैती का सामना करना पड़ता है.

नींद नहीं आना शरीर को कई बीमारी की ओर भी धकेल सकता है. लंबे अरसे तक नींद नहीं आने की समस्या से जूझने के चलते हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

नींद नहीं आना शरीर को कई बीमारी की ओर भी धकेल सकता है. लंबे अरसे तक नींद नहीं आने की समस्या से जूझने के चलते हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

मोबाइल फोन, लैपटॉप और टेलीविजन जैसे डिजिटल डिवाइस से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारे दिमाग को सक्रिय बनाए रखती है. यह मेलाटोनिन नामक हार्मोन के उत्पादन को बाधित कर सकती है. ऐसे में सोने से पहले डिवाइस से दूरी बना लें.

मोबाइल फोन, लैपटॉप और टेलीविजन जैसे डिजिटल डिवाइस से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारे दिमाग को सक्रिय बनाए रखती है. यह मेलाटोनिन नामक हार्मोन के उत्पादन को बाधित कर सकती है. ऐसे में सोने से पहले डिवाइस से दूरी बना लें.

अनियमित सोने-जागने का समय शरीर की प्राकृतिक घड़ी (बायोलॉजिकल क्लॉक) को असंतुलित कर सकता है. शरीर को नियमितता पसंद होती है, इसलिए रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं. इससे आपका सोने का रूटीन अच्छा रहेगा. रात में भारी भोजन, कैफीन या शराब का सेवन नींद में बाधा डाल सकता है. खासकर कैफीन आपकी नींद को बहुत प्रभावित करता है.

अनियमित सोने-जागने का समय शरीर की प्राकृतिक घड़ी (बायोलॉजिकल क्लॉक) को असंतुलित कर सकता है. शरीर को नियमितता पसंद होती है, इसलिए रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं. इससे आपका सोने का रूटीन अच्छा रहेगा. रात में भारी भोजन, कैफीन या शराब का सेवन नींद में बाधा डाल सकता है. खासकर कैफीन आपकी नींद को बहुत प्रभावित करता है.

Published at : 16 Jun 2025 06:21 PM (IST)

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मोहन यादव

मोहन यादवमुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

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