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भीख तो मिली लेकिन 11 बड़ी शर्तों के साथ...पाकिस्तान को IMF ने फिर से दिए 1 अरब डॉलर

पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से एक और राहत पैकेज मिल गया है, लेकिन इसके बदले उसे 11 नई और सख्त शर्तें माननी होंगी. Express Tribune की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने पाकिस्तान को तत्काल 1 अरब डॉलर जारी करने की अनुमति दी है, जिससे अब तक कुल 2.1 अरब डॉलर की राशि पाकिस्तान को मिल चुकी है. इसके साथ ही IMF ने पाकिस्तान के लिए 1.4 अरब डॉलर की Resilience and Sustainability Facility (RSF) को भी मंजूरी दे दी है.

भारत-पाक तनाव बना IMF के लिए चिंता का विषय

IMF की रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता है या लंबे समय तक बना रहता है, तो इससे इस राहत कार्यक्रम के वित्तीय, बाह्य और सुधार से जुड़े लक्ष्यों पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए स्थायित्व बनाए रखना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

IMF की 11 नई शर्तें क्या हैं?

अब बात उन 11 कड़ी शर्तों की, जिनके बिना पाकिस्तान को अगली किस्त नहीं मिलेगी. इन शर्तों का असर सिर्फ अर्थव्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि आम जनता के जीवन पर भी साफ़ दिखेगा.

1. 17.6 ट्रिलियन का नया बजट

IMF ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह जून 2025 तक एक नया बजट पास करे, जो IMF के फिस्कल टारगेट्स के अनुरूप हो. इस बजट में 1.07 ट्रिलियन विकास कार्यों के लिए होंगे, 8.7 ट्रिलियन खर्च, 2.1 ट्रिलियन का प्राइमरी सरप्लस और 6.6 ट्रिलियन का घाटा तय किया गया है.

2. एग्रीकल्चर इनकम टैक्स में सुधार

अब खेती-बाड़ी से होने वाली आय पर टैक्स लगाने की बात की जा रही है. इसके तहत टैक्स रिटर्न प्रोसेसिंग, करदाता पहचान, पंजीकरण, कम्युनिकेशन और अनुपालन योजना बनाई जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया को जून 2025 तक लागू करना अनिवार्य है.

3. गवर्नेंस एक्शन प्लान

IMF ने पाकिस्तान सरकार को गवर्नेंस डायग्नोस्टिक असेसमेंट के आधार पर एक्शन प्लान तैयार कर सार्वजनिक करने को कहा है, जिसमें भ्रष्टाचार रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय शामिल होंगे.

4. महंगाई के अनुसार कैश ट्रांसफर

देश की जनता की क्रय शक्ति बनाए रखने के लिए IMF ने पाकिस्तान को हर साल कैश ट्रांसफर प्रोग्राम को महंगाई दर के अनुसार एडजस्ट करने का निर्देश दिया है.

5. 2027 के बाद की वित्तीय रणनीति

पाकिस्तान को 2027 के बाद की वित्तीय रणनीति का एक प्लान बनाना और प्रकाशित करना होगा, जिसमें 2028 के बाद का रेगुलेटरी ढांचा बताया जाएगा.

6. बिजली दरों में वार्षिक संशोधन

1 जुलाई 2025 से पहले पाकिस्तान को बिजली दरों का सालाना संशोधन अधिसूचित करना होगा ताकि लागत के अनुसार रेट बनाए रखे जा सकें.

7. गैस टैरिफ में अर्धवार्षिक संशोधन

IMF ने निर्देश दिया है कि फरवरी 2026 तक पाकिस्तान को गैस की दरों में अर्धवार्षिक संशोधन अधिसूचित करना होगा.

8. कैप्टिव पावर लेवी कानून

पाकिस्तान की संसद को मई 2025 के अंत तक एक स्थायी कानून पारित करना होगा जिससे इंडस्ट्रियल एनर्जी यूज़ राष्ट्रीय ग्रिड में स्थानांतरित किया जा सके.

9. डेब्ट सर्विस सरचार्ज की सीमा हटाना

पाकिस्तान को ऐसा कानून बनाना होगा जिससे बिजली उपभोक्ताओं पर लगाए गए 3.21 प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा को हटाया जा सके, जिससे पावर सेक्टर की अक्षमता का बोझ ईमानदार उपभोक्ताओं पर न पड़े.

10. टेक्नोलॉजी ज़ोन इंसेंटिव खत्म करना

IMF ने पाकिस्तान को विशेष टेक्नोलॉजी ज़ोन और औद्योगिक क्षेत्रों को दिए गए सभी टैक्स लाभ 2035 तक पूरी तरह खत्म करने का प्लान तैयार करने को कहा है.

11. पुरानी गाड़ियों के आयात पर बिल

पाकिस्तान को जुलाई 2025 के अंत तक 5 साल से कम पुरानी पुरानी गाड़ियों के आयात पर सभी तरह की क्वांटिटेटिव पाबंदियों की सूची वाला बिल संसद में पेश करना होगा.

क्या IMF की शर्तें पाकिस्तानी जनता पर भारी पड़ेंगी?

IMF की ये शर्तें पाकिस्तान को आर्थिक राहत तो जरूर देंगी, लेकिन इससे आम जनता पर महंगाई, टैक्स और ऊर्जा दरों के रूप में बड़ा बोझ पड़ सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पाकिस्तान इन सख्त शर्तों को निभा पाएगा या फिर इनसे उसकी आंतरिक राजनीति और जनता का धैर्य टूटेगा.

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