हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियामकान मालिक-किरायेदारों के विवादों पर बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट बोला- 'जल्द हो सुनवाई और...'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे विवादों में देरी से निर्णय लेने का मतलब है कि दोनों पक्षों को खामियाजा भुगतना पड़ता है. SC ने मकान मालिकों-किरायेदारों के बीच विवाद में फैसला होने में देरी पर चिंता जताई.
By : पीटीआई- भाषा | Edited By: देवेश त्रिपाठी | Updated at : 05 Jun 2025 06:06 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने बंबई हाई कोर्ट से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए संपत्ति मालिकों-किरायेदारों के बीच विवाद में फैसला होने में देरी पर चिंता जताई है. न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने बंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से वहां लंबित ऐसे मामलों की समीक्षा करने का “अनुरोध” किया है.
सुप्रीम कोर्ट 'प्रति वर्ग फुट दर' पर विवाद से संबंधित हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपीलों पर सुनवाई कर रहा. यह मामला हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड द्वारा मुंबई स्थित 'हरचंद्राय हाउस' को किराये पर लेने से संबंधित है. पीठ ने कहा कि कुछ मामलों में वादियों को अपने विवादों के निपटारे के लिए वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है.
पीठ ने कहा, 'जब मकान मालिक-किरायेदार विवाद की बात आती है, तो इसमें एक पक्ष के संपत्ति के लाभ से वंचित होने और दूसरे पक्ष के ऐसी संपत्ति के स्वामित्व से प्राप्त होने वाले मौद्रिक लाभ से वंचित होने का पहलू भी शामिल होता है. अदालतों का यह कर्तव्य है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके कारण किसी भी पक्ष को परेशानी न हो.” अदालत ने कहा कि ऐसे विवादों में देरी से निर्णय लेने का मतलब है कि दोनों पक्षों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.
पीठ ने कहा, “कुछ मामलों में मकान मालिक को संपत्ति नहीं मिलने के कारण नुकसान उठाना पड़ता है, और दूसरे मामलों में, उससे मिलने वाली मौद्रिक राशि नहीं मिल पाती है. किरायेदार को इस कारण नुकसान उठाना पड़ता है कि मामले में अंतिम निर्णय आने पर उसे थोड़े समय में बड़ी रकम चुकाने का निर्देश दिया जाता है.” शीर्ष अदालत ने कहा कि किरायेदारों के लिए इतनी भारी रकम का भुगतान करने के लिए अपेक्षित व्यवस्था करना एक कठिन काम है.
पीठ ने छह मई को कहा, “हम बंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करते हैं कि वह मकान मालिक-किरायेदार विवादों के लंबित रहने की अवधि के बारे में संबंधित अदालतों से रिपोर्ट मांगें.” अदालत ने कहा कि यदि यह पाया जाता है कि इस मामले जैसे कई अन्य मामले हैं, तो हाई कोर्ट को उनके शीघ्र निस्तारण के लिए 'उचित कदम' उठाने चाहिए.
Published at : 05 Jun 2025 06:06 PM (IST)
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
Sponsored Links by Taboola
यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब का जवाब रूस कैसे और कब देगा? क्रेमलिन ने किया ये खुलासा
बकरीद से पहले चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी का मुसलमानों का बड़ा संदेश, कहा- 'अगर आपका पड़ोसी हिंदू...'
भारत में जासूसों का स्लीपर सेल तैयार करने की जिम्मेदारी, एक फोन पर दिला देती थी PAK का वीजा! जानें कौन है ISI की मैडम 'N'
शादी के एक दिन बाद ही काम पर लौटीं हिना, ब्लैक ड्रेस में दिखा किलर लुक
टिप्पणियाँ