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मार्केट रिकवरी में इन तीन सेक्टर्स की होगी बड़ी भूमिका, अभी दांव लगाने पर हो सकती है मोटी कमाई

पुनीत शर्मा ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में कंज्यूमर गुड्स कंपनियों के रेवेन्यू में ग्रोथ दिख सकती है।

स्टॉक मार्केट्स में 4 मार्च को लगातार 10वें दिन गिरावट आई। निफ्टी 50 अपने ऑलटाइम हाई से 15 फीसदी से ज्यादा क्रैश कर चुका है। इससे इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन ऐतिहासिक औसत से नीचे आ गई है। इस बाजार को समझने के लिए मनीकंट्रोल ने व्हाइटस्पेस अल्फा के फंड मैनेजर और सीईओ पुनीत शर्मा से बात की। उनसे स्टॉक मार्केट की दिशा और निवेश के मौके के बारे में कई सवाल पूछे। शर्मा ने कहा कि मार्केट में रिकवरी में तीन सेक्टर की बड़ी भूमिका होगी। इनमें आईटी, मेटल और माइनिंग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों का प्रदर्शन भी अच्छा रहेगा। शर्मा ने कहा कि PSU स्टॉक्स में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही।

शॉर्ट टर्म में उतारचढ़ाव जारी रह सकता है

उन्होंने कहा कि दुनिया में मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक मसलों के चलते शॉर्ट टर्म में मार्केट में उतारचढ़ाव जारी रह सकता है। मार्केट के निचले स्तर के करीब पहुंच जाने की उम्मीद दिखती है। मीडियम टर्म के लिए निवेश करने के लिए अभी स्टॉक्स की कीमतें अट्रैक्टिव दिख रही हैं। निवेशकों को लंबी अवधि का नजरिया रखनी चाहिए। शॉर्ट टर्म में मार्केट चढ़ता और उतरता रहता है। लंबी अवधि के लिहाज से अच्छी रिसर्च और डायवर्सिफिकेशन पर फोकस के साथ तैयार पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स को मनचाहा रिटर्न दे सकता है।

ग्लोबल डेवलपमेंट का इंडिया पर पड़ेगा असर

ग्लोबल डेवलपमेंट का इंडिया पर पड़ने वाले असर के बारे में शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ समय से टैरिफ और ट्रेड वॉर की ज्यादा चर्चा हो रही है। ग्लोबल डेवलपमेंट का इंडियन मार्केट्स पर असर पड़ेगा। यह असर ऐसे वक्त पड़ने जा रहा है कि जब इंडियन कंपनियों का प्रदर्शन पिछली दो तिमाहियों से ग्रोथ और प्रॉफिट के लिहाज से अच्छा नहीं है। हालिया गिरावट का ज्यादा असर सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स पर पड़ा है। ऐसे में मार्केट की रिकवरी में आईटी कंपनीज, मेटल्स, माइनिंग और टेलीकॉम कंपनियों की बड़ी भूमिका हो सकती है।

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प्राइवेट बैंकों में निवेशकों की दिलचस्पी दिख सकती है

उन्होंने कहा कि प्राइवेट बैंकों में भी निवेशकों की दिलचस्पी दिख सकती है। मार्केट में स्थिरता आने पर ऐसा देखने को मिल सकता है। जहां तक कंज्यूमर गुड्स कंपनियों का सवाल है तो अगले वित्त वर्ष से उनके रेवेन्यू में ग्रोथ देखने को मिल सकती है। हालांकि, अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों की प्रॉफिट बनाने की क्षमता में फर्क दिखेगा। सितंबर 2024 के अंत में बाजार में गिरावट की शुरुआत हुई थी, जो अब तक जारी है।

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