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ये 5 लक्षण दिखें तो समझ जाएं हो गया बोन कैंसर, 95 पर्सेंट लोग कर देते हैं इग्नोर

बोन कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. इसके शुरुआती लक्षणों को सामान्य समझकर अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. बाद में ये खतरनाक बीमारी के रूप में उभरकर सामने आता है.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 16 Jun 2025 01:46 PM (IST)

बोन कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. इसके शुरुआती लक्षणों को सामान्य समझकर अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. बाद में ये खतरनाक बीमारी के रूप में उभरकर सामने आता है.

बोन कैंसर के ऐसे काैन से पांच लक्षण हैं, जो बाॅडी में दिखें तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. आइए इनके बारे में जानते हैं.

अंगों में लगातार दर्द अक्सर खराब पोस्चर, मसल्स पर अ​धिक दबाव और गलत पोजीशन में सोने से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन कई बार ये शरीर में बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. बोन कैंसर के मामले में दर्द हमेशा तेज नहीं होता. जहां ट्यूमर बन रहा होता है, उस जगह हड्डी में गहरा और बेचैन करने वाला दर्द महसूस हो सकता है.

अंगों में लगातार दर्द अक्सर खराब पोस्चर, मसल्स पर अ​धिक दबाव और गलत पोजीशन में सोने से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन कई बार ये शरीर में बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. बोन कैंसर के मामले में दर्द हमेशा तेज नहीं होता. जहां ट्यूमर बन रहा होता है, उस जगह हड्डी में गहरा और बेचैन करने वाला दर्द महसूस हो सकता है.

रात के समय या आराम करते समय में ये दर्द बढ़ सकता है. ये मसल्स के दर्द से बिल्कुल अलग होता है. मसल्स पेन में जहां आराम के दाैरान दर्द कम हो जाता है, वहीं बोन कैंसर के मामले में ये दर्द बढ़ जाता है. ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए.

रात के समय या आराम करते समय में ये दर्द बढ़ सकता है. ये मसल्स के दर्द से बिल्कुल अलग होता है. मसल्स पेन में जहां आराम के दाैरान दर्द कम हो जाता है, वहीं बोन कैंसर के मामले में ये दर्द बढ़ जाता है. ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए.

शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन आ जाना. ये दिखने में ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि हल्की चोट लग गई हो या फिर किसी कीड़े ने काट लिया हो. लेकिन अगर इसमें किसी तरह का दर्द नहीं है तो सतर्क हो जाना चाहिए.

शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन आ जाना. ये दिखने में ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि हल्की चोट लग गई हो या फिर किसी कीड़े ने काट लिया हो. लेकिन अगर इसमें किसी तरह का दर्द नहीं है तो सतर्क हो जाना चाहिए.

बोन कैंसर के केस में भी हाथ, पैर, पे​ल्विस बाॅडी पार्ट के आसपास गांठ या सूजन दिख सकती है. इसमें शुरुआत में दर्द नहीं होता. लेकिन ट्यूमर बढ़ने के साथ इसमें दर्द हो सकता है. ऐसे में इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है.

बोन कैंसर के केस में भी हाथ, पैर, पे​ल्विस बाॅडी पार्ट के आसपास गांठ या सूजन दिख सकती है. इसमें शुरुआत में दर्द नहीं होता. लेकिन ट्यूमर बढ़ने के साथ इसमें दर्द हो सकता है. ऐसे में इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है.

बोन फ्रैक्चर अक्सर किसी भी उम्र में हो सकता है. अक्सर इसे कै​िल्शयम की कमी या फिर चोट लगने की वजह से जोड़ा जाता है. लेकिन अगर बार-बार फ्रैक्चर होने लगे. मामूली चोट पर हड्डियां क्रैक होना शुरू हो जाएं. ऐसे में ये शरीर में पनप रही खतरनाक बीमारी का संकेत हो सकता है. बोन कैंसर के केस में ट्यूमर हड्डियों को कमजोर कर देता है. जिससे हड्डियां नाजकु हो जाती हैं. हल्की चोट लगने पर भी फ्रैक्चर हो जाता है.

बोन फ्रैक्चर अक्सर किसी भी उम्र में हो सकता है. अक्सर इसे कै​िल्शयम की कमी या फिर चोट लगने की वजह से जोड़ा जाता है. लेकिन अगर बार-बार फ्रैक्चर होने लगे. मामूली चोट पर हड्डियां क्रैक होना शुरू हो जाएं. ऐसे में ये शरीर में पनप रही खतरनाक बीमारी का संकेत हो सकता है. बोन कैंसर के केस में ट्यूमर हड्डियों को कमजोर कर देता है. जिससे हड्डियां नाजकु हो जाती हैं. हल्की चोट लगने पर भी फ्रैक्चर हो जाता है.

शरीर में थकान को अक्सर अ​धिक काम का प्रेशर, स्ट्रेस और नींद की कमी से जोड़ा जाता है, लेकिन सामान्य केस में ये थकान आराम करने से दूर हो हाती है. हालांकि,  बोन कैंसर के मामले में आराम करने के बाद भी इस तरह की थकान में आराम नहीं मिलता. ऐसा इसलिए होता है क्यों​कि कैंसर बोन नैरो पर असर डालता है, जहां रेल ब्लड सेल्स बनते हैं.

शरीर में थकान को अक्सर अ​धिक काम का प्रेशर, स्ट्रेस और नींद की कमी से जोड़ा जाता है, लेकिन सामान्य केस में ये थकान आराम करने से दूर हो हाती है. हालांकि, बोन कैंसर के मामले में आराम करने के बाद भी इस तरह की थकान में आराम नहीं मिलता. ऐसा इसलिए होता है क्यों​कि कैंसर बोन नैरो पर असर डालता है, जहां रेल ब्लड सेल्स बनते हैं.

कैंसर के चलते बाॅडी में रेड ब्लड सेल्स बनना प्रभावित होते हैं. इससे शरीर एनर्जी की कमी से जूझता है, जो बिना किसी कारण थकान की वजह बनता है.

कैंसर के चलते बाॅडी में रेड ब्लड सेल्स बनना प्रभावित होते हैं. इससे शरीर एनर्जी की कमी से जूझता है, जो बिना किसी कारण थकान की वजह बनता है.

Published at : 16 Jun 2025 01:46 PM (IST)

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