Share Market Rally: आरबीआई ने CRR में भी 1% की कटौती का ऐलान किया, जिसके बाद बैंकिंग शेयरों में तेजी आई
Share Market Rally: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से रेपो रेट में कटौती किए जाने के बाद भारतीय शेयर बाजारों में आज 6 जून को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स दिन के निचले स्तर से 1000 अंक उछल गया। वहीं निफ्टी उछलकर 25,000 के भी पार चला गया। RBI ने रेपो रेट में उम्मीद से भी अधिक 0.50 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, जिसके बाद निवेशकों का जोश हाई दिखा। सुबह 11.51 बजे के करीब, सेंसेक्स 760.40 अंक या 0.93 फीसदी उछलकर 82,202.44 के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। वहीं निफ्टी 251.10 अंक या 1.01 फीसदी उछलकर 25,002.00 के स्तर पर पहुंच गया। शेयर बाजार में आज की इस तेजी के पीछे 5 बड़ी वजहें रहीं-
1. RBI ने 50 बेसिस पॉइंट की बड़ी कटौती से चौंकाया
भारतीय रिजर्व बैंक ने उम्मीद से ज्यादा बड़ा कदम उठाते हुए रेपो रेट में 0.50% कटौती का ऐलान किया। इससे रेपो रेट अब 6 फीसदी से घटकर 5.5% पर आ गया है, जो इसका पिछले तीन सालों का सबसे निचला स्तर है। शेयर बाजार को अधिकतम 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद थी, लेकिन RBI ने इससे दोगुनी राहत दी। इससे होम लोन, ऑटो लोन जैसे कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है, जिससे हाउसिंग और ऑटो सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की संभावना है।
इस फैसले का असर बाजार में तुरंत दिखा और निवेशकों का जोश बढ़ गया। RBI ने अपने फैसले के पीछे महंगाई में नरमी और कंज्म्पशन को बढ़ावा देने की जरूरत को मुख्य कारण बताया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेपो रेट में कटौती से हाउसिंग, ऑटोमोबाइल्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से फायदा मिल सकता है।
2. CRR में कटौती से बैंकिंग शेयरों में जोश
RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस पॉइंट यानी 1% की कटौती का ऐलान किया है। यह कटौती सितंबर से नवंबर के बीच चार बार में की जाएगी। प्रत्येक बार CRR में 0.25 फीसदी की कटौती होगी। इस कदम से CRR 4% से घटकर 3% हो जाएगा और बैंकों के पास करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आ सकती है।
इस फैसले के बाद बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस फैसले से बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और नेट इंटरेस्ट मार्जिन में सुधार होगा। Anex Advisory के एमडी संजय डागा ने बताया, “यह मौजूदा आर्थिक माहौल में एक सोच समझकर लिया गया फैसला है, इससे लिक्विडिटी को सपोर्ट मिलेगी और यह सभी सेक्टरों में पॉजिटिव मोमेंटम को बनाए रखने में मदद करेगा।”
3. विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेत
एशियाई बाजारों में तेजी से भी भारतीय बाजार को मजबूती मिली। साउथ कोरिया का KOSPI इंडेक्स और जापान का Nikkei 225 हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं अमेरिका के वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स में भी मजबूती देखी गई।
4. अमेरिका-चीन बातचीत से ट्रेड वार में नरमी की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में फोन पर एक दूसरे से बातचीत की है, जिससे ग्लोबल ट्रेड टेंशन को लेकर थोड़ी राहत की उम्मीद बनी है। दोनों नेताओं ने इस बातचीत को पॉजिटिव बताया है। ट्रंप ने इस बातचीत को “वेरी पॉजिटिव” बताया है। इससे ग्लोबल निवेशकों को राहत मिली।
5. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
अब्रेंट क्रूड की कीमतों में 0.29% की गिरावट के साथ यह 65.15 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। भारत अपनी 85% कच्चे तेल की जरूरतें आयात से पूरी करता है, ऐसे में तेल की कीमतों में गिरावट महंगाई और करेंट अकाउंट डेफिसिट दोनों के लिए फायदेमंद है।
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