हिंदी न्यूज़न्यूज़विश्व'90 हजार फौजियों की पतलूनें...', बलोच नेता ने PAK आर्मी चीफ आसिम मुनीर को दिखाया आईना
बलोच नेता अख्तर मेंगल ने जनरल आसिम मुनीर को 1971 की हार की याद दिलाते हुए चेतावनी दी है कि बलोच जनता पाकिस्तान की सेना के जुल्म नहीं भूलेगी.
By : एबीपी लाइव | Edited By: सौरभ कुमार | Updated at : 04 May 2025 08:28 PM (IST)
बलूच नेता अख्तर मेंगल की रैली
Baloch leader Akhtar Mengal Warn Asim Munir: बलूचिस्तान एक बार फिर पाकिस्तान के लिए चुनौती बन गया है. जहां एक ओर भारत को धमकाने की कोशिशों में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर गीदड़भभकी दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की असफलताएं और कमजोरी दिन-प्रतिदिन उजागर हो रही हैं.
पिछले कुछ महीनों में बलोच अलगाववादी गुटों ने पाकिस्तानी सेना पर इतने हमले किए हैं कि सेना को अपने ही देश में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में बलोच नेता अख्तर मेंगल का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने जनरल मुनीर को साफ शब्दों में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की ऐतिहासिक हार की याद दिलाई.
Baloch national leader Sardar Akhtar Mengal (@sakhtarmengal) responds firmly to General Mullah Asim Munir's threat against ten generations of the Baloch nation with a clear message: #Balochistan #Resistance pic.twitter.com/rccMWbyruD
— Dr. Tara Chand (@drtchand) May 4, 2025जनरल मुनीर की धमकी और बलोच नेता का करारा जवाब
जनरल मुनीर ने इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन के दौरान बलोच अलगाववादियों को सीधे धमकी देते हुए कहा, ''बलूचिस्तान पाकिस्तान के माथे का झूमर है अगली 10 नस्लें भी इसे अलग नहीं कर पाएंगी.” उनकी इस बयानबाज़ी का जवाब बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता और पूर्व सांसद अख्तर मेंगल ने बेहद तीखे अंदाज़ में दिया. मेंगल ने कहा कि पाकिस्तानी सेना को 1971 की शर्मनाक हार और 90,000 सैनिकों के समर्पण को कभी नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि 90 हजार फौजियों के न सिर्फ हथियार बल्कि उनकी पतलूनें भी आज वहां टांगी हुई हैं.
पूर्वी पाकिस्तान की हार
1971 के युद्ध में पाकिस्तान की हार एक ऐसा ऐतिहासिक धब्बा है जिसे देश की सेना और शासन आज भी छुपाने की कोशिश करता है. लेकिन अख्तर मेंगल जैसे नेता बार-बार इस हार की याद दिलाकर सेना के अतिवादी रवैये को चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने अपनी रैली में कहा,“बंगालियों ने जो आपके साथ किया, वो आपको कितनी नस्ल तक याद रहेगा? उसे भी याद करो हम तो 75 साल से आपकी हर जुल्म और ज्यादती को याद करते आ रहे हैं.”
बलूचिस्तान में फौज की असफलता
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत होने के बावजूद आर्थिक और राजनीतिक रूप से सबसे उपेक्षित रहा है. यहां दशकों से चल रहे सशस्त्र विद्रोह और मानवाधिकार उल्लंघनों ने पाकिस्तानी सेना को कमजोर किया है. पाक सेना की कई चौकियों पर बलोच विद्रोहियों ने कब्ज़ा कर लिया है.
Published at : 04 May 2025 08:27 PM (IST)
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