मार्च में रक्षा मंत्रालय ने 54,000 करोड़ रुपये मूल्य के पूंजी सामान खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी जो कई तरह की परिसंपत्तियों से जुड़े हुए हैं।
Last Updated- May 04, 2025 | 10:35 PM IST
रक्षा शेयरों में शानदार तेजी आई है। निफ्टी इंडिया डिफेंस सूचकांक ने अब तक के सर्वाधिक ऊंचे स्तर को छुआ है। पिछले सप्ताह इस सूचकांक में करीब 7 प्रतिशत की तेजी आई, जो निफ्टी 50 के सपाट प्रदर्शन के मुकाबले काफी अधिक है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच इस क्षेत्र पर सकारात्मक परिदृश्य को वित्त वर्ष 2025 में शानदार तेजी के बाद वित्त वर्ष 2026 में बड़े निवेश, मजबूत ऑर्डर प्रवाह और निर्यात की अनुकूल परिस्थितियों से मदद मिली है।
इस क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2025 को मजबूती के साथ समाप्त किया। इस दौरान रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने 2.1 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 193 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। यह अब तक का रिकॉर्ड है। इनमें से 177 अनुबंधों (92 फीसदी) की वैल्यू 1.6 लाख करोड़ रुपये पर है जो घरेलू कंपनियों को मिले हैं। फरवरी और मार्च में ऑर्डरों में तेजी आई (जो वित्त वर्ष 2025 के कुल ऑर्डरों का लगभग आधे या 1 लाख करोड़ रुपये थे) और ये सिर्फ इन दो महीनों में जारी किए गए। वित्त वर्ष 2025 का ऑर्डर मूल्य पिछले रिकॉर्ड से दोगुना है।
मार्च में रक्षा मंत्रालय ने 54,000 करोड़ रुपये मूल्य के पूंजी सामान खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी जो कई तरह की परिसंपत्तियों से जुड़े हुए हैं। इनमें शामिल रक्षा सामान हैं – ब्रह्मोस मिसाइलें और नेत्र एयरबोर्न अर्ली वार्निंग और नियंत्रण विमानों से लेकर टी-90 टैंकों के लिए उन्नत रूसी इंजन, नेवल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें और टॉरपीडो। शेयरखान रिसर्च के अनुसार घरेलू खरीद की भागीदारी अब बढ़कर 75 फीसदी पर पहुंच गई है जो महामारी से पहले के 54 फीसदी से काफी ज्यादा है।
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों धीरेंद्र तिवारी व अमित शाह का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए ऑर्डर प्रस्ताव मजबूत बने हुए हैं। भारत ने रक्षा उत्पादन का 3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है जो वित्त वर्ष 2024 के 1.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। निर्यात भी एक मुख्य कारक है। वित्त वर्ष 2024 में निर्यात का आंकड़ा जहां 21,000 करोड़ रुपये पर था, वहीं 2028-29 तक इसके बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है। उनके पसंदीदा शेयरों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, पीटीसी इंड. व भारत डायनेमिक्स शामिल हैं।
नुवामा रिसर्च के विश्लेषक विजय भसीन के विश्लेषकों को रक्षा इलेक्ट्रॉनिक खंड पसंद है। उनका मानना है कि यह सेगमेंट रक्षा बजट (अगले पांच साल के दौरान सालाना 7-8 फीसदी की वृद्धि) के मुकाबले 1.5-2 गुना ज्यादा तेजी से बढ़ सकता है। इस सेगमेंट को मौजूदा आधुनिकीकरण, 2025 में संभावित प्रमुख बड़े सुधारों, वायु सेना और नौसेना के लिए प्रस्तावित बड़े पैमाने के कार्यक्रमों से लाभ मिलने की उम्मीद है। नुवामा को उम्मीद है कि निजी रक्षा कंपनियों की वार्षिक आय में 25-40 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए अनुमानित 15-18 प्रतिशत से काफी ज्यादा है। उनकी प्रमुख पसंद बीईएल और डेटा पैटर्न्स (इंडिया) हैं।
इस क्षेत्र के लिए अल्पावधि कारक चौथी तिमाही के नतीजे हैं। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष पांच सूचीबद्ध कंपनियों में भारत डायनेमिक्स एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले अपना राजस्व दोगुना कर सकती है,जबकि सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज कर सकती है।
दो सबसे बड़ी कंपनियां एचएएल और बीईएल सालाना आधार पर मामूली गिरावट दर्ज कर सकती हैं। लेकिन तिमाही आधार पर उनके 88 प्रतिशत और 44 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज करने की संभावना है। डेटा पैटर्न्स (इंडिया) जैसी अन्य कंपनियां सालाना राजस्व को दोगुना कर सकती हैं जबकि एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।
अपने वित्तीय परिणाम घोषित कर चुकीं छोटी कंपनियों में पारस डिफेंस ऐंड स्पेस टेक्नोलॉजीज का प्रदर्शन दमदार रहा है। उसकी चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2025 में राजस्व वृद्धि 35 से 44 प्रतिशत के बीच रही जबकि दोनों अवधियों में परिचालन और शुद्ध लाभ में 90 प्रतिशत से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया।
निर्मल बांग रिसर्च का मानना है कि पारस डिफेंस का राजस्व और मुनाफा वित्त वर्ष 2025-27 के दौरान सालाना 25-26 फीसदी की दर से बढ़ेगा। कंपनी ने 40-50 प्रतिशत राजस्व वृद्धि और बेहतर मार्जिन का अनुमान जताया है, जिससे पिछले पांच कारोबारी सत्रों में यह शेयर 26 प्रतिशत तक चढ़ चुका है। मजबूत दृष्टिकोण के कारण मूल्यांकन महंगे बने हुए हैं। अधिकांश शीर्ष रक्षा कंपनियां वित्त वर्ष 2026 की आय के 40 गुना से अधिक पर कारोबार कर रही हैं जबकि एचएएल (35 गुना) और मझगांव डॉक (24.5 गुना) इससे अपवाद हैं। पीटीसी इंडस्ट्रीज 133 गुना के साथ सबसे महंगी है। उसके बाद पारस डिफेंस, सोलर इंडस्ट्रीज और आजाद इंजीनियरिंग हैं जो 70 से 77 गुना के दायरे में कारोबार कर रही हैं।
First Published - May 4, 2025 | 10:35 PM IST
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