Mukul Agrawal Portfolio: कंपनियों के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से खुलासा होता है कि किस स्टॉक पर दिग्गज निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है और किस पर कम हो रहा है। चूंकि कंपनियों को नियम के मुताबिक एक फीसदी से अधिक होल्डिंग वाले शेयरहोल्डर्स के नाम का खुलासा अनिवार्य होता है तो आम निवेशकों को भी इसका पता चल जाता है कि मुकुल अग्रवाल जैसे दिग्गज निवेशकों ने किन शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में जगह दी और किसकी विदाई की
अपडेटेड
Apr 19, 2025
पर
9:30 AM
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चूंकि एक फीसदी से कम होल्डिंग का खुलासा कंपनियों के लिए अनिवार्य नहीं होता है तो ऐसे में पक्के तौर पर यह नहीं कह सकते कि एक फीसदी से कम होल्डिंग वाले स्टॉक्स को निवेशक ने पोर्टफोलियो से निकाल दिया है या अभी कुछ शेयर बचे हुए हैं।
Mukul Agrawal Portfolio: दिग्गज निवेशक मुकुल अग्रवाल ने बिकवाली की आंधी में अपना पोर्टफोलियो भी हल्का किया। कुछ स्टॉक्स में तो इतनी तेज बिकवाली हुई कि उनकी होल्डिंग एक फीसदी के भी नीचे आ गई। एक फीसदी से कम होल्डिंग का चूंकि खुलासा नहीं होता तो यह भी संभव है कि मुकुल अग्रवाल ने स्टॉक को पोर्टफोलियो से ही हटा दिया हो। अब तक के खुलासे के मुताबिक मार्च तिमाही में मुकुल अग्रवाल ने सिर्फ एक स्टॉक जगसनपाल फार्मा (Jagsonpal Pharma) को पोर्टफोलियो में शामिल किया है और उनके पास इसके 11,57,557 शेर (1.7 फीसदी) हिस्सेदारी है।
खास बात ये है कि जगसनपाल फार्मा में सितंबर तिमाही में उनकी होल्डिंग इसमें 1.8 फीसदी थी लेकिन दिसंबर तिमाही में यह स्टॉक कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में नहीं दिखा था। इसके अलावा मुकुल ने 6 स्टॉक्स में होल्डिंग्स कम की है तो पांच स्टॉक में तेज बिकवाली के चलते 1 फीसदी के भी नीचे आ गई है।
इन स्टॉक्स में घटी होल्डिंग
मार्च तिमाही में मुकुल अग्रवाल की वासा डेंटिसिटी (Vasa Denticity) में होल्डिंग 0.1 फीसदी घटकर 2.5 फीसदी (4.10 लाख शेयर) और वनसोर्स स्पेशल्टी फार्मा (OneSource Specialty Pharma) में भी 0.1 फीसदी घटकर 1.3 फीसदी (15 लाख शेयर) पर आ गई। इसके अलावा वेस्ट कोट पेपर (West Coast Paper) में अब 1.4 फीसदी (9 लाख शेयर), बीएसई (BSE) में 1.2 फीसदी (16 लाख शेयर), प्रकाश पाइप्स में (Prakash Pipes) में 2.4 फीसदी (5,64,500 शेयर) हिस्सेदारी है और इन सभी में दिसंबर तिमाही की तुलना में हिस्सेदारी 0.2-0.2 फीसदी कम हुई है। इस दौरान पर्ल ग्लोबल (Pearl Global) में भी हिस्सेदारी 0.6 फीसदी गिरकर 2 फीसदी (9 लाख शेयर) पर आ गई।
इन स्टॉक्स में 1% से नीचे आई हिस्सेदारी
चूंकि एक फीसदी से कम होल्डिंग का खुलासा कंपनियों के लिए अनिवार्य नहीं होता है तो ऐसे में पक्के तौर पर यह नहीं कह सकते कि एक फीसदी से कम होल्डिंग वाले स्टॉक्स को निवेशक ने पोर्टफोलियो से निकाल दिया है या अभी कुछ शेयर बचे हुए हैं। मुकुल अग्रवाल की दिसबंर तिमाही में सीएट (Ceat) में 1.1 फीसदी, ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन (Dredging Corporation) में 1.6 फीसदी, शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स (Sarda Energy & Minerals) में 1.2 फीसदी, क्विक हील टेक (Quick Heal Tech) में 1.3 फीसदी, एथोस (Ethos) में 1.2 फीसदी हिस्सेदारी थी लेकिन मार्च तिमाही में यह घटकर एक फीसदी के नीचे आ गई।
संक्षेप में मार्च तिमाही में पोर्टफोलियो में बदलाव की डिटेल्स
स्टॉक | शेयरों की मौजूदा संख्या | मार्च तिमाही में होल्डिंग में बदलाव | मार्च 2025 के आखिरी में होल्डिंग |
Jagsonpal Pharma | 11,57,557 | नया स्टॉक | 1.7% |
Vasa Denticity | 4,10,000 | (-)0.1% | 2.5% |
OneSource Specialty Pharma | 15,00,000 | (-)0.1% | 1.3% |
West Coast Paper | 9,00,000 | (-)0.2% | 1.4% |
BSE | 16,00,000 | (-)0.2% | 1.2% |
Prakash Pipes | 5,64,500 | (-)0.2% | 2.4% |
Pearl Global | 9,00,000 | (-)0.6% | 2.0% |
Ceat | - | 1% के नीचे | - |
Dredging Corporation | - | 1% के नीचे | - |
Sarda Energy & Minerals | - | 1% के नीचे | - |
Quick Heal Tech | - | 1% के नीचे | - |
Ethos | - | 1% के नीचे | - |
Jeevan Deep Vishawakarma
First Published: Apr 19, 2025 9:30 AM
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