हिंदी न्यूज़न्यूज़विश्व'अगर मैं मरूं तो ऐसी...', इजरायली हमले में मारी गई गाजा की फोटो पत्रकार ने मौत से पहले किया था पोस्ट
गाजा की 25 वर्षीय साहसी फोटो पत्रकार फातिमा हसौना की इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई. वह गाजा के दर्द को कैमरे में कैद करने का काम कर रही थीं.
By : एबीपी लाइव | Edited By: सौरभ कुमार | Updated at : 19 Apr 2025 02:33 PM (IST)
इजरायली हमले में फोटो जर्नलिस्ट की मौत!
Gaza Photo Journalist Death: फिलिस्तीन की रहने वाली 25 साल की युवा फोटो पत्रकार फातिमा हसौना की इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई. फातिमा जानती थी कि उनकी ज़िंदगी हर पल ख़तरे में है, लेकिन उन्होंने कभी कैमरे को नीचे नहीं रखा. अपने आखिरी दिनों में उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'अगर मैं मरती हूं तो मुझे एक ऐसी मौत चाहिए, जिसकी आवाज बहुत दूर तक गूंजे. मैं सिर्फ एक ब्रेकिंग न्यूज़ या आंकड़ा नहीं बनना चाहती. मैं एक ऐसी छवि छोड़ना चाहती हूं जिसे वक्त या जमीन दफना न सके.'
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, फातिमा हसौना की कुछ ही दिनों में शादी होने वाली थी, इससे पहले इजरायली सेना की ओर से छोड़ी गई मिसाइल में उनकी जान चली गई. उनके साथ परिवार के 10 लोग भी मारे गए, जिनमें उनकी गर्भवती बहन भी शामिल थी.
फातिमा ने कवर किया था अबतक का वॉर
फातिमा हसौना ने गाजा की तबाही, घरों के उजड़ने, पलायन और 11 करीबी रिश्तेदारों की मौत कैमरे से कवर की थी. वह चाहती थीं कि दुनिया देखे कि गाजा के लोगों के साथ क्या हो रहा है. ईरानी फिल्मकार सेपीदे फ़ारसी के साथ उनके वीडियो कॉल्स और विजुअल्स को मिलाकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की गई है, जिसका नाम 'Put Your Soul on Your Hand and Walk' रखा गया है. यह फिल्म फ्रांस में कान्स फिल्म फेस्टिवल के समानांतर स्वतंत्र फिल्म समारोह में प्रदर्शित होने जा रही थी. फातिमा को इस फिल्म में उनके कार्य और प्रभाव के लिए फ्रांस आमंत्रित किया गया था.
डायरेक्टर सेपीदे फारसी का बयान
फातिमा हसौना की मौत पर ईरानी फिल्मकार सेपीदे फ़ारसी ने कहा कि फातिमा बहुत ही प्रतिभाशाली और संवेदनशील थीं. जब आप फिल्म देखेंगे तो समझ पाएंगे कि वह कितनी गहराई से जुड़ी हुई थीं. मैंने हमले से कुछ घंटे पहले उनसे बात की थी और उन्हें फिल्म में शामिल होने की सूचना दी थी. उन्होंने आगे कहा कि मैं उनकी जान को लेकर चिंतित थी, लेकिन उन्होंने कभी डर नहीं दिखाया. मैं उनकी ताकत और विश्वास की गवाह बनी.
क्या फातिमा को टारगेट किया गया?
फ़ारसी को आशंका है कि फातिमा को उनकी फोटो पत्रकारिता और डॉक्यूमेंट्री में भागीदारी के कारण निशाना बनाया गया. यह चिंता बेवजह नहीं है क्योंकि गाजा में पिछले 18 महीनों में अब तक 170 से 206 के बीच पत्रकार मारे जा चुके हैं यह आंकड़ा गाजा को हाल के वर्षों का सबसे घातक क्षेत्र पत्रकारों के लिए बना देता है. इजरायल की तरफ से इसे हमास सदस्य को टारगेट किया गया हमला बताया गया है, लेकिन फातिमा और उनका परिवार आम नागरिक थे.
गाजा में चल रहे युद्ध की भयावह तस्वीर
बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में 51,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं. मार्च 2024 में सीजफायर टूटने के बाद से इजरायल ने हमले और तेज कर दिए हैं. इससे पहले शुक्रवार को ही 30 से अधिक लोगों की जान गई.
Published at : 19 Apr 2025 02:33 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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