हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थआपकी बुरी आदतों के लिए ये वाला हार्मोन है जिम्मेदार, शराब या सिगरेत पीते ही होता है रिलीज
शराब और निकोटीन दोनों ही दिमाग में डोपामाइन, ग्लूकोकार्टिकोइड्स और दूसरे न्यूरोट्रांसमीटर को बढ़ाते हैं. ये केमिकल शराब और निकोटीन के असर को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 04 Mar 2025 01:18 PM (IST)
हमारे शरीर में कई तरह के हार्मोन होते हैं जो ब्लड में शुगर लेवल को कम ज्यादा करने का काम करती है. इसके कारण हाई बीपी, डायबिटीज, विकास, फर्टिलिटी, चयापचय और यहां तक कि नींद पर भी काफी बुरा असर होता है. इसके कारण काम करने, सोचने और हमारे पूरे दिन के कामकाज पर भी बुरा असर होता है. शराब और निकोटीन दोनों ही दिमाग में डोपामाइन, ग्लूकोकार्टिकोइड्स और दूसरे न्यूरोट्रांसमीटर को बढ़ाते हैं. ये केमिकल शराब और निकोटीन के असर को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं. जिसके कारण इन चीजों की लत लग जाती है.
डोपामाइन
निकोटीन मस्तिष्क के इनाम केंद्र में डोपामाइन की रिहाई को उत्तेजित करता है. जो आनंद की भावनाओं का कारण बन सकता है.
शराब निकोटिनिक रिसेप्टर्स के साथ बातचीत करके इनाम मार्ग को भी प्रभावित कर सकती है.
ग्लूकोकार्टिकोइड्स
शराब और निकोटीन दोनों ही कॉर्टिकोस्टेरोन जैसे ग्लूकोकार्टिकोइड हार्मोन की रिहाई को बढ़ाते हैं.
कोर्टिकोस्टेरोन में प्रबल करने वाले गुण हो सकते हैं और यह सनसनी की तलाश में शामिल हो सकता है.
न्यूरोट्रांसमीटर
निकोटीन न्यूरोट्रांसमीटर की रिहाई को बढ़ाता है, जो मूड और व्यवहार को विनियमित करने में मदद करता है.
डोपामाइन, ग्लूटामेट और गामा एमिनोब्यूटिरिक एसिड रिलीज निकोटीन निर्भरता के विकास में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं.
डोपामाइन एक हार्मोन है जो आदत निर्माण में भूमिका निभाता है. यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड को प्रभावित करता है. और मस्तिष्क में इसका स्तर इस बात को प्रभावित कर सकता है कि आप सकारात्मक या नकारात्मक महसूस करते हैं या नहीं. डोर्सोलेटरल स्ट्रिएटम या पुटामेन में डोपामाइन का स्तर आदत निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है. यही वह हार्मोन होता है जिससे मूड स्विंग, एनर्जी लेवल और तनाव और स्ट्रेस का लेवल बुरी तरह से प्रभावित होता है.
कोर्टिसोल
तनाव हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है, कोर्टिसोल तनाव के जवाब में अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा जारी किया जाता है। लंबे समय तक कोर्टिसोल के उच्च स्तर से चिंता, उच्च रक्तचाप, नींद की कमी और ऑटोइम्यून समस्याएं हो सकती हैं.
एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन का स्तर मूड विनियमन और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव से PMS, PMDD, प्रसवोत्तर अवसाद और रजोनिवृत्ति अवसाद जैसे मूड विकार हो सकते हैं.
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मेलाटोनिन
मेलाटोनिन नींद के पैटर्न को नियंत्रित करता है और आपके शरीर को बताता है कि कब सोना है.
ग्रोथ हार्मोन
मानव विकास हार्मोन (HGH) के रूप में भी जाना जाता है, यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है। यह विकास, कोशिका प्रजनन और कोशिका मरम्मत को उत्तेजित करता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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Published at : 04 Mar 2025 01:18 PM (IST)
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शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
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