रिलायंस ने यह भी बताया कि संयंत्र को भारी उद्योग मंत्रालय से एक पत्र मिला है जिसमें देरी के कारण जुर्माना लगाया गया है।
Last Updated- March 04, 2025 | 10:31 PM IST
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले समूह ने मंगलवार को कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी बनाने वाली इकाई ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत अपने निर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से और समय मांगा है। समूह ने विस्तार की अवधि या देरी का कारण नहीं बताया है।
मार्च 2022 में, रिलायंस ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल्स (एसीसी) के लिए 5 गीगावॉट की स्थानीय निर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए सरकार की पीएलआईयोजना के तहत रियायत हासिल की थी। 181 अरब रुपये की इस योजना के तहत कंपनियों को दो साल के भीतर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करनी थीं। रिलायंस ने यह भी बताया कि संयंत्र को भारी उद्योग मंत्रालय से एक पत्र मिला है जिसमें देरी के कारण जुर्माना लगाया गया है।
3 मार्च तक जुर्माना 3.1 करोड़ रुपये था। भारत सरकार ने बैटरियों का स्थानीय उत्पादन बढ़ाने के लिए इंसेंटिव योजना शुरू की है। देश में कुल कार बिक्री में ईवी बिक्री की भागीदारी 30 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल भारत में बेची गईं कुल कारों में इलेक्ट्रिक मॉडलों का योगदान करीब 2 प्रतिशत रहा।
First Published - March 4, 2025 | 10:31 PM IST
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