हिंदी न्यूज़बिजनेसखेती-किसानी पर नजर डाल रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप, भारत सरकार के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की बातचीत में कृषि उत्पादों पर टैरिफ एक अहम मुद्दा होगा. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कृषि उत्पादों को प्राथमिकता दी है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: Sushmit Sinha | Updated at : 24 Feb 2025 12:21 PM (IST)
डोनाल्ड ट्रंप बढ़ाएंगे भारत की टेंशन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नजर अब एग्रीकल्चर सेक्टर पर है. टैरिफ धमकियों के बीच वह चाहते हैं कि भारत अमेरिकी एग्री प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैरिफ को कम करे.
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच बाइलेटरल ट्रेड डील पर चर्चा जोरों पर है. इस बीच, भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने पर विचार कर रहा है, जबकि अमेरिका भारत में अपने कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए टैरिफ में कटौती चाहता है.
डोनाल्ड ट्रंप क्या चाहते हैं
इंडियन एक्सप्रेस पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की बातचीत में कृषि उत्पादों पर टैरिफ एक अहम मुद्दा होगा. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कृषि उत्पादों को प्राथमिकता दी है.
ट्रंप कृषि क्षेत्र पर फोकस क्यों कर रहे हैं
दरअसल, अमेरिका के मिड-वेस्टर्न राज्यों के किसान 2016 से ट्रंप के मजबूत समर्थक रहे हैं. हाल के चुनाव में ट्रंप ने कृषि पर निर्भर इलाकों में अपना वोट बढ़ाया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 100 से ज्यादा कृषि प्रधान काउंटी में ट्रंप को 80 फीसदी से अधिक वोट मिले.
ऐसे में ट्रंप एग्री प्रोडक्टर पर भारत में टैरिफ कम करवाकर इन किसानों को खुश करना चाहते हैं. हालांकि, ट्रंप की इस मांग की वजह से मौजूदा मोदी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, केंद्र सरकार भारत के किसानों की आय को सुरक्षित करने के लिए और उन्हें बढ़ाने के लिए विदेशों से आने वाले एग्री प्रोडक्ट पर तगड़ा टैरिफ लगाती है, अगर ट्रंप की मांग को मानते हुए केंद्र सरकार अमेरिका के एग्री प्रोडक्ट पर टैरिफ कम करता है तो इससे भारतीय किसान प्रभावित हो सकते हैं.
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ का अंतर समझिए
मौजूदा समय की बात करें तो भारत ने हाल के बजट में कई उत्पादों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) कम की है, लेकिन अमेरिका का कहना है कि भारत में कृषि उत्पादों पर टैरिफ अभी भी अमेरिका के मुकाबले काफी ज्यादा है.
अमेरिकी सरकार की ओर से दिए गए एक बयान के मुताबिक, "अमेरिका में कृषि उत्पादों पर औसत MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) टैरिफ 5 फीसदी है, जबकि भारत में यह 39 फीसदी है." भारतीय अधिकारियों का मानना है कि कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने से दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार बढ़ेगा. साथ ही, भारतीय कृषि निर्यात को अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच मिल सकेगी.
Published at : 24 Feb 2025 12:20 PM (IST)
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स्वाति तिवारीस्तंभकार
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