फिनटेक फर्म फोनपे (PhonePe) अपने IPO से पहले एक प्राइवेट कंपनी से पब्लिक कंपनी बन गई है। इस बारे में कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) को जानकारी दी है। यह भारतीय शेयर बाजारों में लिस्ट होने की तैयारी कर रही कंपनियों के लिए एक जरूरी कानूनी कदम है। फोनपे ने इस साल 20 फरवरी को कहा था कि यह एक संभावित IPO के लिए शुरुआती कदम उठा रही है। 25 फरवरी को मनीकंट्रोल ने खबर दी कि कि फोनपे ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, सिटी और मॉर्गन स्टेनली को IPO के लिए सलाहकार के रूप में चुना है। कंपनी अपने IPO से 15 अरब डॉलर तक की वैल्यूएशन टारगेट कर रही है।
ROC को जमा किए गए डॉक्युमेंट्स के मुताबिक, 16 अप्रैल को कंपनी की असाधारण आम बैठक में कंपनी का नाम "PhonePe Private Limited" से नाम बदलकर "PhonePe Limited" करने का फैसला किया गया। प्राइवेट कंपनी के डेटा की खबर रखने वाले प्लेटफॉर्म Kredible ने मनीकंट्रोल के साथ डॉक्युमेंट शेयर किए हैं। फोनपे का कहना है कि नाम में बदलाव को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर से मंजूरी मिलना बाकी है। इसके लिए CPC कंपनी को एक नया इनकॉरपोरेशन सर्टिफिकेट जारी करेगा।
दिसंबर 2022 में भारत में शिफ्ट किया था हेडक्वार्टर
दिसंबर 2022 में PhonePe ने अपने हेडक्वार्टर को सिंगापुर से भारत में शिफ्ट किया। आखिरी फंडिंग राउंड के बाद कंपनी की वैल्यूएशन लगभग 12 अरब डॉलर पर पहुंच गई थी। बेंगलुरु स्थित फोनपे देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी है। इसकी UPI में 48 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। Google Pay लगभग 37 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर है। फोनपे में वॉलमार्ट का भी पैसा लगा है।
वित्त वर्ष 2024 में फोनपे का रेवेन्यू 5,064 करोड़ रुपये था, जो सालाना आधार पर 73 प्रतिशत ज्यादा रहा। शुद्ध मुनाफा 197 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को 738 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
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