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बाजारों में 4 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त

सप्ताह के दौरान दोनों सूचकांकों में 4.5 फीसदी की उछाल दर्ज हुई जो 5 फरवरी 2021 के बाद का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

Last Updated- April 17, 2025 | 10:15 PM IST

SmallCap Stocks

भारतीय इक्विटी बेंचमार्क गुरुवार को लगभग दो फीसदी चढ़े और इस तरह से सूचकांकों ने करीब चार साल में अपने सबसे मजबूत साप्ताहिक प्रदर्शन के साथ एक छोटे कारोबारी सप्ताह की समाप्ति की। व्यापार वार्ता में प्रगति और टैरिफ छूट बढ़ने के बाद नए सिरे से जोखिम लेने से सेंटिमेंट से यह तेजी आई। निजी बैंकिंग शेयरों की अगुआई में बढ़त आई क्योंकि जमा दर में कटौती ने मार्जिन की उम्मीदों में इजाफा किया है। कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की खरीद से भी तेजी को बढ़ावा मिला।

सेंसेक्स 1,509 अंक यानी 1.96 फीसदी की बढ़त के साथ 78,553 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 415 अंक या 1.7 फीसदी के इजाफे के साथ 23,852 पर टिका। सप्ताह के दौरान दोनों सूचकांकों में 4.5 फीसदी की उछाल दर्ज हुई जो 5 फरवरी 2021 के बाद का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.6 लाख करोड़ रुपये की उछाल के साथ 419.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

निजी बैंकों ने सेंसेक्स की तेजी में अपना दबदबा बनाए रखा। हाल ही में जमा दरों में कटौती से उनके शुद्ध ब्याज मार्जिन में सुधार का संकेत मिला है। आईसीआईसीआई बैंक (3.7 फीसदी की बढ़त) का सबसे अधिक योगदान रहा। उसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज (2.9 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (1.5 फीसदी) का स्थान रहा। एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने सत्र के दौरान रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ।
एफपीआई ने गुरुवार को 4,668 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि घरेलू संस्थानों ने 2,006 करोड़ रुपये की बिकवाली की। सप्ताह के दौरान एफपीआई ने 14,670 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जो अमेरिकी व्यापार नीति संबंधी चिंताओं और भारतीय कंपनियों की कमजोर आय के कारण उनकी पिछली बिकवाली से उलट है।

विश्लेषकों ने इस बदलाव के लिए शॉर्ट-कवरिंग और अमेरिकी टैरिफ में छूट के बाद वैश्विक जोखिम को लेकर सेंटिमेंट को जिम्मेदार ठहराया। घरेलू इक्विटी में तेजी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा व्यापार वार्ता में शामिल देशों के लिए टैरिफ छूट आगे बढ़ाने के बाद वैश्विक उछाल में आई तेजी दर्शाती है। निवेशक अब बातचीत में आगे की प्रगति का इंतजार कर रहे हैं, जो भारी आयात करों से बचा सकती है। इस बीच, भारत के चालू आय सत्र से शेयर विशेष की गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

जियोजित फाइनैं. सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बचत खाते की जमाओं पर ब्याज दरों में बदलाव से मार्जिन में सुधार की उम्मीदों के बीच आज लार्ज-कैप शेयरों में मजबूत तेजी देखी गई जो मुख्य रूप से वित्तीय क्षेत्र के कारण आई। एफआईआई निवेश में उलटफेर ने सकारात्मक भावना को और मजबूत किया। हालांकि इस रुझान के स्थायित्व को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 2,396 शेयर चढ़े जबकि 1,563 में गिरावट आई।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा, निफ्टी अब अपने पिछले स्विंग हाई 23,800 के आसपास कारोबार कर रहा है, इसलिए ध्यान दिग्गज कंपनियों की आय घोषणाओं पर रहेगा। हम गिरावट पर खरीदारी की रणनीति की वकालत जारी रखेंगे, जिसमें लंबे समय तक ट्रेड के लिए दरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जबकि अन्य क्षेत्रों में चयनात्मक बने रहेंगे।

First Published - April 17, 2025 | 10:15 PM IST

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