हिंदी न्यूज़न्यूज़विश्वभारत के एक्शन से बर्बाद होने की कगार पर पहुंचा बांग्लादेश! मोहम्मद यूनुस की ओर से आया रिएक्शन
India Withdraw Bangladesh Transshipment: 8 अप्रैल, 2025 को भारत ने 2020 के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया, जिसमें इस ट्रांसशिपमेंट की अनुमति दी गई थी.
By : एबीपी लाइव डेस्क | Edited By: अभिषेक प्रताप सिंह | Updated at : 16 Apr 2025 11:08 PM (IST)
मुहम्मद यूनुस (फाइल फोटो)
Bangladesh On Transshipment Facility: भारत ने बांग्लादेश के एक्सपोर्ट कार्गो के लिए जरूरी ट्रांसशिपमेंट सुविधा को बंद कर दिया है. मामले पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार सुप्रदीप चकमा ने कहा कि वो इसे एक चुनौती के रूप में नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में देख रहे हैं. वहीं, सरकार के वाणिज्य सलाहकार एस.के. बशीर का कहना है कि ये सुविधा वापस लिए जाने की वजह से भारी नकारात्मक आर्थिक प्रभाव पड़े हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सुप्रदीप चकमा ने कहा कि ये रुकावट हमारे उत्पादों के निर्यात में बहुत ज्यादा बाधा नहीं डालेगी. उन्होंने कहा, “बांग्लादेश अपने कॉक्स बाजार या चटगांव एयरपोर्ट एयर ट्रांसपोर्टेशन के डेवलेप कर सकता है या फिर ढाका एयरपोर्ट को भी डेवलेप किया जा सकता है. हमारे पास भारतीय बाधाओं को पार करने के बहुत से उपाय हैं.”
क्या बोले एस. के. बशीर?
बांग्लादेश की वेबसाइट डेली सन के मुताबिक, मामले पर वाणिज्य सलाहकार ने कहा, ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस लेने के बाद, बांग्लादेश को भारतीय लैंड रूट्स के जरिए नेपाल, भूटान और म्यांमार को माल निर्यात करने की लागत में 2,000 करोड़ टका की वृद्धि देखने को मिल सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार हवाई माल ढुलाई और अन्य माध्यमों से नकारात्मक प्रभाव को बेअसर करने के लिए सही कदम उठा रही है.
उन्होंने दावा किया कि भारतीय लैंड रूट्स के विकल्प के रूप में रास्ता खोजने के लिए विचार-मंथन किया गया. उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मामलों के सलाहकार के रूप में उनकी नई भूमिका उन्हें भारतीय जमीन पर निर्भरता को खत्म करने की योजनाओं को लागू करने में और मदद करेगी.
क्या है मामला?
जून 2020 में भारत ने बांग्लादेश को भूटान, नेपाल और म्यांमार सहित तीसरे देशों के लिए एक्सपोर्ट कार्गो के ट्रांसशिपमेंट के लिए अपने लैंड कस्टम स्टेशनों (LCS) का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है. इस सुविधा को बांग्लादेश के व्यापार को आसान और रसद लागत को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था, खासतौर से रेडीमेड गारमेंट (RMG) फील्ड के लिए. इसके तहत, कार्गो को भारतीय सीमाओं के जरिए से ले जाया जा सकता था और भारतीय बंदरगाहों या हवाई अड्डों से भेजा जा सकता था, जिससे बांग्लादेशी निर्यातकों को काफी लाभ हुआ.
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Published at : 16 Apr 2025 11:08 PM (IST)
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