मच्छर भगाने वाली दवाइयां जैसे क्रीम, स्प्रे, कॉइल और वैपोराइजर आज हर घर में आम हैं. कभी सोचा कि इन मच्छर भगाने वाली दवाइयों में कौन-से केमिकल होते हैं और ये हमारी सेहत को कैसे प्रभावित कर सकते हैं?
By : एबीपी लाइव | Updated at : 04 Jun 2025 08:26 PM (IST)
मच्छर भगाने वाली दवाइयों में कई रासायनिक और नैचुरल तत्वों का इस्तेमाल होता है. इनमें से कई चीजें हमारी सेहत के लिए घातक साबित हो सकती हैं.
डाईएथिलटोल्यूमाइड (DEET) सबसे आम और प्रभावी रासायनिक घटक है, जो मच्छरों और अन्य कीटों को भगाने के लिए 1940 के दशक से इस्तेमाल किया जा रहा है. DEET की सांद्रता 4% से 100% तक हो सकती है, जो हमारी स्किन के लिए खतरनाक होता है.
DEET का एक ऑप्शन पिकारिडिन भी है, जो त्वचा पर कम जलन पैदा करता है. हालांकि, मच्छरों, टिक्स और अन्य कीटों के खिलाफ असरदार होता है.
पाइरेथ्रॉइड्स सिंथेटिक कीटनाशक होते हैं. इनका इस्तेमाल कॉइल, मैट और वैपोराइजर में होता है. वहीं, डाईएथिल फ्थैलेट (DEP) एक सॉल्वेंट है, जो कुछ कॉस्मेटिक और मच्छर भगाने वाले प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल होता है.
सिट्रोनेला, नींबू-यूकेलिप्टस, लेमनग्रास और लौंग का तेल जैसे प्राकृतिक तत्व भी कई प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाते हैं. ये पर्यावरण के लिए कम हानिकारक माने जाते हैं, लेकिन इनका असर DEET की तुलना में कम हो सकता है.
IR3535 एक सिंथेटिक अमीनो एसिड है, जो मच्छरों और टिक्स के खिलाफ प्रभावी है और गंधहीन होता है. वहीं, कुछ प्रॉडक्ट्स में फॉर्मल्डिहाइड, सल्फर और लेड जैसे तत्व भी पाए गए हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
रिसर्च के अनुसार, DEET से बने प्रॉडक्ट्स लगातार इस्तेमाल करने से स्किन पर खुजली, सूजन और एलर्जी हो सकती है. बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह ज्यादा खतरनाक होता है.
Published at : 04 Jun 2025 08:26 PM (IST)
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