Inverter vs Non-Inverter AC: घर में ठंडी और आरामदायक हवा के लिए एयर कंडीशनर आजकल लोगों की जरूरत बन चुका है. ऐसे में गर्मी में लोग अपने घरों में एसी लगवाते हैं.
By : एबीपी टेक डेस्क | Edited By: हिमांशु तिवारी | Updated at : 19 Apr 2025 10:57 AM (IST)
(इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर एसी में क्या अंतर होता है)
Source : Pixabay
Inverter vs Non-Inverter AC: घर में ठंडी और आरामदायक हवा के लिए एयर कंडीशनर आजकल लोगों की जरूरत बन चुका है. ऐसे में गर्मी में लोग अपने घरों में एसी लगवाते हैं. लेकिन कई बार देखा गया है कि इन्वर्टर एसी और नॉन-इन्वर्टर एसी को लेकर लोग काफी कंफ्यूज होते हैं. आइए जानते हैं इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर एसी में क्या अंतर होता है.
कंप्रेसर में फर्क
जानकारी के लिए बता दें कि इन्वर्टर एसी में ऐसा कंप्रेसर होता है जिसकी स्पीड को कमरे के तापमान के अनुसार कम या ज़्यादा किया जा सकता है. वहीं, नॉन-इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर एक निश्चित स्पीड से चलता है जो या तो पूरी तरह चालू रहता है या बंद. यही कारण है कि इन्वर्टर एसी कम बिजली खर्च करता है जबकि नॉन-इन्वर्टर एसी बार-बार चालू और बंद होने के प्रोसेस में ज़्यादा बिजली लेता है और साथ ही ज़्यादा शोर भी करता है.
कम बिजली खपत
इन्वर्टर तकनीक वाले एसी न सिर्फ कम बिजली की खपत करते हैं बल्कि तापमान को भी स्थिर बनाए रखते हैं. यह टेक्नोलॉजी इस बात पर निर्भर करती है कि बाहर कितना तापमान है या कमरे में कितने लोग मौजूद हैं. इसके अनुसार ही एसी का पूरा सिस्टम कार्य करता है जो इस एसी को नॉर्मल एसी से बेहतर बनाता है.
PWM का इस्तेमाल
इन्वर्टर एसी में एक स्पेशल तकनीक 'पल्स विड्थ मॉडुलेशन' यानी PWM का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कंप्रेसर एक समान स्पीड से चलता रहता है. इससे कूलिंग तेज़ होती है और मशीन पर कम दबाव पड़ता है. साथ ही इस तकनीक से एसी की लाइफ भी बढ़ती है. इसके अलावा इन्वर्टर एसी का मेंटेनेंस भी नॉन-इन्वर्टर एसी से कम होता है.
रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल
एक तरफ जहां नॉन-इन्वर्टर एसी पुराने टाइप रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल करते हैं, वहीं दूसरी ओर इन्वर्टर एसी में R32 जैसे इको-फ्रेंडली रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल किया जाता है जो बेहतर कूलिंग भी देता है और पर्यावरण पर भी कम असर डालता है.
इन्वर्टर एसी की एक और बड़ी खासियत होती है, यह हवा से नमी को भी बेहतर तरीके से निकाल पाता है. खासकर उन इलाकों में जहां उमस ज़्यादा होती है, वहां यह विशेष रूप से बेहद उपयोगी साबित होता है. इसके साथ ही यह तापमान में होने वाले अचानक बदलावों के अनुसार अपने कंप्रेसर की स्पीड को भी मेंटेन कर लेता है जिससे आपके कमरे में पूरे दिन एक समान ठंडक बनी रहती है.
कीमत में फर्क
कीमत की बात करें तो इन्वर्टर एसी की शुरुआती कीमत ज्यादा होती है लेकिन यह लंबे समय के लिए एक किफायती एसी साबित होता है और बिजली भी कम लेता है. वहीं, नॉन-इन्वर्टर एसी सस्ते ज़रूर होते हैं लेकिन उनकी ऑपरेटिंग कॉस्ट और बिजली बिल अधिक होता है. इसके अलावा, इन्वर्टर एसी ज्यादा टिकाऊ और लो मेंटेनेंस होते हैं जबकि नॉन-इन्वर्टर एसी की लाइफ कम होती है.
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Published at : 19 Apr 2025 10:56 AM (IST)
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