Severe Dengue : इन दिनों मच्छरों के आतंक की वजह से डेंगू होने का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ गया है. स्थिति गंभीर होने पर डेंगू जानलेवा हो सकता है, आइए जानते हैं कैसे?
By : एबीपी लाइव | Edited By: Meenu Jha | Updated at : 23 Apr 2025 03:01 PM (IST)
Severe Dengue : डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. इस स्थिति में तेज बुखार के साथ प्लेटलेट्स काफी ज्यादा डाउन होने लगता है. अधिकतर मामलों में डेंगू ठीक हो जाता है, लेकिन अगर समय पर इलाज न मिले या बीमारी गंभीर रूप ले ले, तो यह जानलेवा भी हो सकता है. आइए जानें कि डेंगू होने पर इंसान की मौत कब हो सकती है और किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा होता है.
डेंगू से मौत कब हो सकती है?
डेंगू से मौत आमतौर पर तब होती है, जब यह सामान्य डेंगू से बढ़कर डेंगू हेमोरैजिक फीवर (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) का रूप ले ले. ये गंभीर स्थितियां होती हैं, आइए जानते हैं इन स्थितियों के बारे में-
डेंगू हेमोरैजिक फीवर (DHF)
इस स्थिति में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है, जिसकी वजह से इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है. डेंगू हेमोरैजिक फीवर होने पर नाक या मसूड़ों से खून आना, पेट दर्द, ब्लड प्रेशर गिरना इत्यादि जैसे लक्षण नजर आते हैं.
डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
इसमें शरीर का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है. शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त रूप से खून नहीं पहुंच पाता, जिससे ऑर्गन फेल होने का खतरा होता है. यह स्थिति जानलेवा हो सकती है.
डे-4 से डे-6 का समय होता है सबसे क्रिटिकल
डेंगू बुखार के चौथे से छठे दिन तक प्लेटलेट्स सबसे तेजी से गिरते हैं. अगर इस समय मरीज को उचित देखभाल नहीं मिली, तो जटिलताएं बढ़ सकती हैं. इसलिए इस दौरान मरीज की एक्ट्रा केयर करें.
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किन लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा?
छोटे बच्चे और बुज़ुर्ग - इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण इनमें संक्रमण जल्दी गंभीर हो सकता है.
गर्भवती महिलाएं - उनमें डेंगू से जटिलताएं ज़्यादा हो सकती हैं, जैसे प्रीमैच्योर डिलीवरी या ब्लीडिंग.
पहले से बीमार लोग, जैसे- डायबिटीज, हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज वाले लोगों को इस तरह की परेशानी काफी ज्यादा होने लगती हैं. वहीं, जिन्हें दूसरी बार डेंगू होने पर बीमारी ज्यादा गंभीर हो सकती है.
जानलेवा स्थिति से कैसे बचें?
बुखार होते ही सबसे पहले डॉक्टर से जांच कराएं. अपने प्लेटलेट्स की संख्या पर नजर रखें. जल्दी रिकवरी के लिए खूब पानी पिएं, शरीर को हाइड्रेट रखें. पपीते के पत्ते का रस और नारियल पानी जैसे घरेलू उपाय सहायक हो सकते हैं, लेकिन मेडिकल इलाज जरूरी है. सेल्फ-मेडिकेशन से बचें, बिना सलाह के कोई दवा न लें.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 23 Apr 2025 03:01 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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